शुक्रवार 21 फ़रवरी 2025 - 19:47
मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब में हज़रत मासूमा-ए-क़ुम (स) के हरम के परचम का शानदार इस्तिक़बाल

हौज़ा/ ज़ैनबिया ट्रस्ट मुंबई और अंजुमन-ए-या लसारतुल हुसैन (अ) मुंबई के तत्वावधान में, मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब (स) कपास वाड़ी, अंधेरी में हज़रत फ़ातिमा मासूमा-ए-क़ुम सलामुल्लाह अलैहा के हरम से आए परचम का स्वागत किया गया। इस अवसर पर शहर के मोमिनों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर अपनी श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन किया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ज़ैनबिया ट्रस्ट मुंबई और अंजुमन-ए-या लसारतुल हुसैन (अ) मुंबई के तत्वावधान में, मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब (स) कपास वाड़ी, अंधेरी में हज़रत फ़ातिमा मासूमा-ए-क़ुम सलामुल्लाह अलैहा के हरम से आए परचम का स्वागत किया गया। इस अवसर पर शहर के मोमिनों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर अपनी श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन किया।

मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब में हज़रत मासूमा-ए-क़ुम (स) के हरम के परचम का शानदार इस्तिक़बाल

हरम-ए-मासूमा (स) के परचम को क़ुम शहर से ख़ादिम-ए-हरम हुज्जतुल इस्लाम शेख हसन जहांगीरी और मौलाना शफ़ी हैदर रिज़वी के माध्यम से मुंबई लाया गया। जनाब जावेद रिज़वी ने परचम के स्वागत के लिए एक शानदार जश्न का आयोजन किया, जिसमें मुंबई के प्रसिद्ध विद्वानों ने भाग लेकर इस जश्न को और भी यादगार बना दिया।

मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब में हज़रत मासूमा-ए-क़ुम (स) के हरम के परचम का शानदार इस्तिक़बाल

मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब में हज़रत मासूमा-ए-क़ुम (स) के हरम के परचम का शानदार इस्तिक़बाल

जश्न का आरंभ कारी-ए-क़ुरान हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सय्यद यूनुस हैदर रिज़वी माहूली द्वारा क़ुरान की तिलावत से हुआ, जिसके बाद उन्होंने हज़रत मासूमा (स) की महिमा का वर्णन किया। इस विशेष अवसर पर हुज्जतुल इस्लाम मौलाना ज़ीशान हैदर ज़ैदी, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना यूनुस हैदर माहूली, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अलमदार हुसैन ज़ैदी, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना माहिर अली जाफ़री, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना आदिल अब्बास और मौलाना नसीर आज़मी जैसे विद्वानों और कवियों ने "परचम कोई लाया है करीमा के हरम से" दी गई पंक्ति पर अपने-अपने कलाम प्रस्तुत किए, जिसे मोमिनों ने खूब सराहा।

ख़ादिम-ए-हरम हुज्जतुल इस्लाम शेख हसन जहांगीरी ने अपने भाषण में कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम आपके सेवक हैं और यही सेवा हम सभी के लिए मोक्ष का माध्यम है। उनके भाषण का उर्दू अनुवाद ख़ादिम-ए-हरम मासूमा (स) मौलाना शफ़ी हैदर रिज़वी ने मोमिनों के सामने प्रस्तुत किया।

मुंबई के बहश्त-ए-ज़ैनब में हज़रत मासूमा-ए-क़ुम (स) के हरम के परचम का शानदार इस्तिक़बाल

जश्न के अंत में जनाब जावेद रिज़वी साहब ने ख़ादिमीन-ए-हरम (हरम के सेवकों) और मोमिनों का धन्यवाद किया और फिर परचम को मोमिनों के बीच ज़ियारत के लिए लाया गया।

जश्न का समापन हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सय्यद यूनुस हैदर रिज़वी माहूली द्वारा हज़रत मासूमा (स) की विशेष ज़ियारत के पाठ के साथ हुआ।

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