हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हौज़ा इल्मिया के संचार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैनी कोहसारी ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी शहीद सैयद हसन नसरल्लाह की बौद्धिक प्रतिष्ठा, इस्लामी दुनिया में उनकी स्थिति, शिया समुदाय और विशेष रूप से प्रतिरोध मोर्चे में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए की गई।
उन्होंने आगे कहा कि हौज़ा इल्मिया क़ुम और नजफ़ के मरजा ए इकराम और इस्लामी दुनिया के अन्य हौज़वी विद्वानों ने शहीद नसरल्लाह को बड़ी श्रद्धांजलि अर्पित की। विभिन्न बयानों में उनके बौद्धिक स्थान को उजागर किया गया और कुछ मराज ए इकराम ने उन्हें आलिम की उपाधि से सम्मानित किया।
इसी आधार पर मरजईयत, हौज़ा इल्मिया के उच्च अधिकारी शिक्षकगण और मराजा-ए-अज़ाम के कार्यालयों की सलाह से एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को उनकी अंतिम यात्रा में भाग लेने के लिए भेजा गया।
इस प्रतिनिधिमंडल में जामेआ-ए-मुदर्रिसीन, हौज़ा इल्मिया की उच्च सलाहकार परिषद के सदस्य भाइयों और बहनों के हौज़ा इल्मिया के केंद्र प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल थे जिन्हें हिज़बुल्लाह लेबनान के नेताओं और जनता ने अत्यधिक सम्मान और स्वागत से नवाज़ा।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैनी कोहसारी के अनुसार, लेबनानी जनता ने विशेष रूप से हौज़ा इल्मिया क़ुम के इस कदम की अत्यधिक सराहना की और इस कठिन समय में उनकी उपस्थिति को एकजुटता का प्रतीक बताया।
उन्होंने आगे कहा कि हिज़बुल्लाह और लेबनानी जनता ने उन छात्रों और हौज़वी प्रतिनिधियों का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया जो संघर्ष के मैदान में मुजाहिदीन के साथ रहे और राहत कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे।
अंत में उन्होंने कहा कि सर्वोच्च नेता ने शहीद नसरल्लाह को एक "मकतब" (दर्शनशास्त्र या विचारधारा) करार दिया है और इसी संदर्भ में हौज़ा इल्मिया विभिन्न बौद्धिक एवं प्रशिक्षण सत्रों, प्रचार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस "मकतब-ए-नसरल्लाह" को हमेशा जीवित रखेगा।
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