हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना सय्यद हुसैन आलम नकवी (हलवाना सादात) ने मौलाना सय्यद नईम अब्बास आबिदी के निधन पर गहरा दुख और खेद व्यक्त किया है और उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि इमाम सादिक (अ) ने फ़रमाया: जब एक मोमिन और विद्वान मर जाता है, तो इस्लाम में एक ऐसा अंतराल पैदा हो जाता है जिसे कोई भी चीज़ भर नहीं सकती।
उन्होंने आगे कहा कि इस दुखद समाचार ने दिल को झकझोर कर रख दिया है। अफसोस आफताबे खिताबत जामेअतुल मुंतज़र के संस्थापक हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन मौलाना सय्यद नईम अब्बास साहब आबिदी,25 फरवरी 2025 को दिल्ली अस्पताल में निधन हो गया।
उन्होंने कहा कि उनके जाने से ज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में एक ऐसा अंतराल पैदा हो गया है जिसे भरा नहीं जा सकता। मौलाना न केवल एक संस्था के संस्थापक थे, बल्कि वे स्वयं एक संस्था थे। उन्होंने धर्म की सेवा एक विद्वान या शासक के रूप में नहीं की, बल्कि जैसा कि उन्होंने स्वयं कहा, उन्होंने एक मजदूर की तरह काम किया जिसका प्रतिफल अल्लाह तआला के अलावा कोई नहीं दे सकता। हम दिवंगत शिक्षक की क्षमा के लिए दुआ करते हैं और उनके निधन पर शोक दिवस घोषित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर दिवंगत की सेवाओं को स्वीकार करें, उन्हें मासूमीनी की संगति में स्थान प्रदान करें तथा उनके शिष्यों और जीवित बचे लोगों को धैर्य प्रदान करें।
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