हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम के प्रचार और सांस्कृतिक मामलों के उपाध्यक्ष हुज्जतुल-इस्लाम हुसैन मर्दानपुर ने महिलाओं की भूमिका परिवार को मजबूत करने और मस्जिदों के साथ उनके संबंधों पर जोर दिया और कहा कि पैग़म्बर (स) की एक हदीस मे आया है कि इस्लामी समाज मे परिवार से अधिक पवित्र संस्था कोई नहीं है।
मर्दानपुर ने परिवार में महिलाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि महिलाएं परिवार में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। यह मूल तत्व परिवार को मजबूत या कमजोर करने में महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए, परिवार की रक्षा करना आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को मस्जिदों से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। मस्जिदें आध्यात्मिकता, शिक्षा और परिवार को मजबूत करने के लिए एक स्थान होनी चाहिए। महिलाओं की उपस्थिति न केवल मस्जिद के धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को मजबूत करती है, बल्कि भविष्य की पीढ़ी के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हुज्जतुल-इस्लाम मर्दानपुर ने मस्जिदों को धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षा के लिए प्रभावशाली स्थान बताया और कहा कि मस्जिदें नमाज़ के अलावा महिलाओं के लिए आध्यात्मिक विकास और शिक्षा के केंद्र के रूप में भी काम कर सकती हैं।
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