हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शूरा-ए-निगहबान के सचिव आयतुल्लाह अहमद जन्नती ने कहा कि रमज़ान का महीना समाज के गरीब और ज़रूरतमंद लोगों के साथ हमदर्दी और उनकी मदद करने का बेहतरीन अवसर है।
आयतुल्लाह जन्नती ने पैगंबर ए इस्लाम स. की एक हदीस का ज़िक्र करते हुए कहा,बेशक, तुम्हारे परवरदिगार के कुछ खास इनायतों के दिन होते हैं, उन्हें पाने की कोशिश करो।
उन्होंने कहा कि खुशनसीब हैं वे लोग जो इस पवित्र महीने के बरकत भरे लम्हों की कद्र करते हैं और खुद को अल्लाह की रहमत के झोंकों में रखते हैं।
आयतुल्लाह जन्नती ने पैगंबर स.की शाबान महीने के आखिरी जुमा की प्रसिद्ध तकरीर को रमज़ान के फज़ीलतों को समझने और इस पाक महीने की बरकतों से लाभ उठाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया था।उन्होंने आगे कहा कि रमज़ान के दिन मोमिनों के आत्मिक उत्थान और शब-ए-क़द्र की बरकतों को समझने की तैयारी के लिए होते हैं।
उन्होंने बताया कि पैगंबर इस्लाम (स.) ने रमज़ान को शहरुल मवासा (हमदर्दी और गरीबों की मदद का महीना) कहा है उन्होंने ज़ोर दिया कि रमज़ान में दान देना और गरीबों की मदद करना इंसान के और अल्लाह के बीच संबंध को मजबूत करता है और इस महीने की रूहानी रोशनी को प्राप्त करने की क्षमता को बढ़ाता है।
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