हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,मदरसा ए इल्मिया हज़रत साहिबुज़ ज़मान अ.ज. ख़ुमैनी शहर के प्रमुख और हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन महमूद बकताशियान के शागिर्द ने इस मदरसे में आयोजित दरस-ए-अख़्लाक़ में इंसान की दुनियावी ताकतों के मुकाबले में कमज़ोरी की ओर इशारा करते हुए कहा,इंसान एक कमज़ोर और नातवान मख़्लूक है जो मुश्किलात और दुश्मनों के मुकाबले में एक मज़बूत और भरोसेमंद सहारे का मुहताज है और यह असली सहारा केवल अल्लाह और अहल-ए-बैत अ.स.हैं।
उन्होंने कुरान-ए-पाक की उन आयतों की ओर इशारा किया जो इंसानी कमज़ोरी को बयान करती हैं और कहा: कुरान में आया है कि इंसान कमज़ोर पैदा किया गया है। हम दुश्मनों और मुश्किलात के मुकाबले में नातवान हैं और सिर्फ़ इलाही क़ुव्वत पर भरोसा करके इन कमज़ोरियों पर काबू पा सकते हैं।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन बकताशियान ने मुश्किलात के वक़्त इमाम-ए-ज़माना (अ.ज.) से तवस्सुल की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा, हमने अपनी ज़िंदगी में बार-बार देखा है कि जब इमाम-ए-ज़माना अ.ज. से तवस्सुल किया गया तो मुश्किलात जल्द हल हो गईं। यहाँ तक कि जब डॉक्टर किसी बीमारी के इलाज से आजिज़ आ गए तवस्सुल के ज़रिए शिफ़ा हासिल हुई।
उन्होंने इमाम ए ज़माना अ.ज. से रूहानी ताल्लुक़ को मज़बूत करने की ज़रूरत पर ताकीद करते हुए कहा, हमें हमेशा इमाम-ए-ज़माना (अ.ज.) से गहरा ताल्लुक़ रखना चाहिए और मुश्किलात व मुसीबतों में उन पर भरोसा करना चाहिए वह हमारे असली सहारा हैं और हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते।
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