हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने उम्माते मुस्लिम,अरब दुनिया और दुनिया के स्वतंत्र लोगों से अपील की है कि वे इजरायल द्वारा गाज़ा पर थोपे गए नरसंहार और युद्ध के खिलाफ सड़कों पर उतरें और जोरदार विरोध प्रदर्शन करें।
हमास ने अपने बयान में कहा कि जायोनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार ने 19 जनवरी को तय की गई युद्धविराम समझौते को रद्द करके निहत्थे फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपनी आक्रामक युद्धनीति फिर से शुरू कर दी है।
बयान के अनुसार, नेतन्याहू की सरकार, जो फासीवादी और नस्लवादी नीतियों पर चल रही है, गाजा के लोगों पर बर्बर हमले कर रही है और उनके लिए कैद और बंदी की स्थिति पैदा कर दी गई है। गलियारों को बंद करके और मानवीय सहायता के रास्ते में रुकावटें डालकर फिलिस्तीनियों को भूख और अकाल के जरिए सामूहिक सजा दी जा रही है।
यह बयान मंगलवार की सुबह जारी किया गया, जब इजरायल ने गाजा पर भारी बमबारी करते हुए 300 से अधिक फिलिस्तीनियों को शहीद कर दिया जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
हमास ने स्पष्ट किया कि इस युद्ध के सभी परिणामों की जिम्मेदारी नेतन्याहू सरकार पर है, जो फिलिस्तीनी लोगों पर बर्बर हमले कर रही है और उन्हें व्यवस्थित तरीके से भूखा रखने की नीति पर चल रही है।
हमास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय मुस्लिम नेताओं और मानवाधिकार संगठनों से मांग की कि वे इस अत्याचार और बर्बरता के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ें और फिलिस्तीनी लोगों के नरसंहार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
आपकी टिप्पणी