हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,23 मार्च लखनऊ | हैदरी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा शबे 23 रमज़ान की तीसरी "शबे क़द्र" के अवसर पर विशेष आमाल का आयोजन 23 मार्च 2025, रात 11:30 बजे से मस्जिद वक्फ जाफरी बेगम अल मारूफ़ बड़ी मस्जिद, मुसाहिबगंज, लखनऊ में किया गया।
शबे क़द्र वो रात है जिसमे क़ुरआन ए करीम नाज़िल हुआ जिससे तीन रातें मक़सूस हैं जिसमे शबे 19 रमज़ान की रात , शबे 21 रमज़ान की रात और शबे 23 रमज़ान की रात जिसमे खास तैर पर शबे 23 रमज़ान की रात को मक़बूलियत हासिल है।
हज़रत इमाम रज़ा अ.स. से रिवायत है की इमाम अली अस तीन रातों को सोते नहीं थे जिसमे रमज़ान की तेइसवी रात ईद उल फ़ित्र की रात , शाबान की पन्द्रवीं रात, इन रातों में रोज़ी , उम्र और साल भर के होने वाले वाक़ियात तक़सीम होते हैं |
कार्यक्रम की शुरुआत कारी मौलाना हसन मोहम्मद साहब द्वारा तिलावत से हुई। कार्यक्रम में दुआए तवस्सुल की तिलावत मौलाना अक़ील अब्बास मरूफी साहब ने की मौलाना अली अब्बास खान साहब ने शबे क़द्र की फ़ज़ीलत और हज़रात इमाम अली अस के मसाएब पेश किये जिसे सुन के लोग अश्कबार हो गए।
उसके बाद दुआए जौशन-ए-कबीर, मौलाना यासिर साहब , मौलाना मुशाहिद आलम साहब पढ़ी जिसके बाद मौलाना ताहा हुसैन साहब ने ज़ियारत-ए-वारिसा पढाई कार्यक्रम का समापन मौलाना नहज़तुल हुसैन साहब द्वारा दुआए फ़रज के साथ हुआ।
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