हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे शहर के ज्योति चौक से मेफेयर सोसाइटी तक कैंडल मार्च निकाला गया, जो पहलगाम में हुए चरमपंथी और क्रूर हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था।
इस कैंडल मार्च में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वरिष्ठ विद्वान कारी मुहम्मद इदरीस ने अपने साथी विद्वानों और शहर के बुजुर्गों के साथ इस भव्य विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और कहा कि इस्लाम किसी निर्दोष व्यक्ति की हत्या के सख्त खिलाफ है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पुणे के संयोजक जाहिद शेख ने भी आतंकवादियों की निंदा की और राष्ट्रीय एकता को हर युग की आवश्यकता बताया।
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल दावरे ने सरकार से सय्यद आदिल हुसैन शाह को शहीद का दर्जा देने की अपील की।
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए शिया उलेमा बोर्ड के प्रमुख मौलाना सैयद मुहम्मद असलम रिजवी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय हमारा भाई है और दुश्मनों की नापाक साजिशें कभी सफल नहीं होंगी।
मौलाना फ़य्याज ने आतंकवादियों की कड़ी निंदा की और भाईचारे की प्रार्थना की।
जनाब जवाद असकरी ने खुले तौर पर घोषणा की कि पहलगाम में जो अमानवीय कृत्य हुआ, वह किसी सच्चे मुसलमान द्वारा नहीं किया जा सकता।
कार्यक्रम में बोलते हुए कार्यक्रम की प्रमुख सदस्य यूशा सय्यद ने कहा कि हम मानवता के लिए हर बलिदान देने के लिए तैयार हैं।
ताबिश साहब, असलम साहब, कारी मुबाशिर साहब, मौलाना बाकिर साहब, मौलाना अस्करी इमाम खान, रियाज पटेल, एहसान घीवाला फरमान, बिलाल, सिकंदर खान, मेहदी जाफरी, साहिल आरिफी, मिर्जा हसन अस्करी, मिर्जा जवाद अस्करी, आबिद सैयद, सादिक सैयद, खासल जाफरी, हिलाल जौनपुरी ने भी कैंडल जुलूस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
अंजुमन वजीफा-ए-सादत के स्थानीय सचिव हलीम जैदी ने प्रबंधन कर्तव्यों का संचालन किया। इसके अलावा, मौलाना कामिल जैदी के नेतृत्व में ईरानी इमामबाड़ा में कैंडल मार्च भी निकाला गया।
आपकी टिप्पणी