हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "उसुल काफी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق عليه السلام:
یَکونُ الرّجل یَصِلُ رَحِمَهُ فیکونُ قَد بَقِیَ من عمرِهِ ثلاثُ سنین فَیُصَیِّرُها اللهُ ثَلاثینَ سَنَةً.
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
कभी-कभी किसी व्यक्ति की आयु केवल तीन वर्ष होती है, लेकिन यदि वह अपने रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है, तो अल्लाह तआला उसकी आयु तीस वर्ष तक बढ़ा देता है।
उसूल अल-काफ़ी, खंड 2, पृष्ठ 150
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