हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,आयतुल्लाह सय्यद मोहम्मद सईदी ने हरम ए हज़रत फातिमा मासूमा (स) में ईद-उल-फित्र की नमाज़ के खुत्बे के दौरान कहा, पवित्र महीने रमज़ान में प्राप्त होने वाली सबसे बड़ी आध्यात्मिक पूंजी में से एक "तक़्वा" है जिसे पूरे साल संजोकर रखना चाहिए।
क़ुम के इमाम ए जुमआ ने आगे कहा, रमज़ान के महीने में इंसान अहम कर सकता हैं व्यावहारिक प्रदर्शन करता है और खाने पीने तथा हराम चीज़ों से परहेज़ करता है, जो दूसरे महीनों में भी संभव है।
मजलिस ए ख़बरगाने रहबरी के इस सदस्य ने कहा,इंसान को वित्तीय कर्तव्यों जैसे ख़ुम्स और ज़कात पर ध्यान देना चाहिए और जब तक दुनिया में है इन फ़र्ज़ों को अदा करते रहना चाहिए।आयतुल्लाह सईदी ने कहा,अल्लाह तआला ने ईद-उल-फित्र को रोज़ेदारों के लिए इनाम और पुरस्कार का दिन बनाया है।
उन्होंने कहा,ग़ज़ा की दर्दनाक घटनाएँ इस्लामी उम्माह के लिए बेहद गंभीर हैं और कब्ज़ावादी ज़ायोनी सरकार अस्पतालों में बच्चों और बीमारों को शहीद कर रही है लेकिन निस्संदेह विजय इस्लामी उम्माह का नसीब होगी।
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