हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, लखनऊ की एक रिपोर्ट के अनुसार/ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के समर्थन की कड़ी निंदा करते हुए मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि क्या अब अत्याचारियों और हत्यारों को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा? यह दुखद है कि युद्ध और आतंकवाद की नींव रखने वालों को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुने जाने की सिफारिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना है, तो यह उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने शांति स्थापना के लिए व्यावहारिक कदम उठाए हैं, जिनमें ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई और शहीद सय्यद हसन नसरूल्लाह जैसी महान हस्तियाँ शामिल होनी चाहिए।
मौलाना ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने भी ट्रंप को नोबेल दिए जाने का समर्थन किया है, जो निंदनीय है। भारत ने अभी तक ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने पर कोई स्पष्ट रुख़ नहीं अपनाया है, लेकिन भारत को इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने का समर्थन करने का फ़ैसला कभी भी देश के हित में नहीं होगा, इसलिए इसका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि ट्रंप भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए लगातार टैरिफ़ लगा रहा हैं, ऐसे व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार देने का समर्थन करना भारतीय जनता के साथ विश्वासघात होगा।
मौलाना ने कहा कि हम वर्षों से कहते आ रहे हैं कि अमेरिका और इज़राइल के बीच दोस्ती से दुश्मनी बेहतर है। दोस्ती का नतीजा यह है कि ट्रंप भारत की अर्थव्यवस्था को पाकिस्तान से भी बदतर बनाने के लिए लगातार भारत पर अतिरिक्त टैरिफ़ लगा रहा हैं। इसलिए, ऐसे व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार देने का समर्थन करना अनुचित होगा जो हज़ारों बेगुनाहों का हत्यारा और हमारे राष्ट्रीय हितों का दुश्मन है। इसलिए, भारत सरकार को ट्रम्प को नोबेल पुरस्कार दिए जाने का कड़ा विरोध करना चाहिए।
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