हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रूसी पत्रकार अरबईन में भाग लेने के लिए इराक़ आया वह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के लाखों श्रद्धालुओं की भव्य उपस्थिति को देखकर कहता है कि अरबईन एक धार्मिक कार्यक्रम व समारोह है और उसमें भाग लेने वाले कई करोड़ से अधिक लोग फ़िलिस्तीनी जनता व लोगों के लिए न्याय के इच्छुक हैं और दुनिया को इस मामले की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
रूसी पत्रकार ने, जो कर्बला में मौजूद हैं, रविवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अरबईन मुसलमानों की ज़िन्दगी की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, अरबईन शिया मुसलमानों के तीसरे इमाम के पावन लहू को याद करने और उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करने का दिन और ज़ुल्म व अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष का प्रतीक है।
उन्होंने इराक़ में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के अवसर पर उनके श्रद्धालुओं के मध्य अपनी उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि इमाम हुसैन अलै. के श्रद्धालुओं का संदेश स्पष्ट है, वे चाहते हैं कि जिन लोगों ने क़ुर्बानी दी है उन्हें भुलाया न जाये और अपने इमाम की भांति प्रतिरोध व संघर्ष के मार्ग को जारी रखें।
यह रूसी पत्रकार कहता है अरबईन में शामिल होकर न केवल शिया बल्कि समस्त मुसलमान एक राष्ट्र व समुदाय बन सकते हैं और कर्बला तक जाने वाले रास्ते के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के हाथों में फ़िलिस्तीन के झंडे को भी देखा जा सकता है।
उसने कहा कि ईरान, इराक़, यमन, सीरिया, लेबनान और दूसरे देशों द्वारा फ़िलिस्तीन का समर्थन इस बात का सूचक है कि सच्चा और वास्तविक़ ईमान हमेशा कामयाब व विजयी है और हर लड़ाई व विवाद की पहचान अस्थाई है परंतु अरबईन का अर्थ और उसकी पहचान बहुत गहरी और विस्तृत है।
रूसी पत्रकार ने अरबईन हर उस मुसलमान की आत्मा का अंश है जो दूसरे मज़लूम इंसानों की मुक्ति व उद्धार के लिए कोशिश करता है और साथ ही वह अल्लाह की ओर वापसी का इच्छुक भी है।
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