गुरुवार 16 जनवरी 2025 - 23:18
हौज़ा ए इल्मिया मे पहले की तरह एक या दो सार्वजनिक अखलाक़ की कक्षा होनी चाहिए

हौज़ा / आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने उच्चस्तरीय धार्मिक शिक्षा परिषद के सचिव आयतुल्लाह मेहदी शबजिंदादार से मुलाकात के दौरान छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज छात्रों का वर्गीकरण और उन्हें विशेष क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना बहुत जरूरी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने उच्चस्तरीय धार्मिक शिक्षा परिषद के सचिव आयतुल्लाह मेहदी शबजिंदादार से मुलाकात के दौरान छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज छात्रों का वर्गीकरण और उन्हें विशेष क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना बहुत जरूरी है।

उन्होंने धार्मिक शिक्षा केंद्रों जैसे दार-उल-शिफा, फ़ैज़िया और मस्जिद-ए-आज़म में अख़लाक़ की कक्षाएं आयोजित करने को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि भले ही किसी स्कूल या संस्थान में नैतिक शिक्षा की कक्षाएं आयोजित करना अच्छा है, लेकिन पहले की तरह धार्मिक शिक्षा केंद्रों में एक या दो सार्वजनिक अख़लाक की कक्षाएं होनी चाहिए, जिनकी पूर्व में सूचना दी जाए और छात्रों को उसमें उपस्थित होने का पाबंद किया जाए। यह कदम प्रभावशाली साबित हो सकता है।

उन्होंने इमाम खुमैनी (र) के उस कथन का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि एक छात्र अख़लाक़ी रूप से प्रशिक्षित नहीं होता है, तो वह ऐसा व्यक्ति बन सकता है जैसा कि "शेख इब्राहिम ज़ंजानी" था, जिसने शेख फज़लुल्लाह नूरी की हत्या का फ़त्वा दिया था। आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धार्मिक शिक्षा केंद्रों को हरम-ए-मुतहर के पास से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने का प्रयास हो रहा है, जो सही नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि छात्रों और धार्मिक विद्वानों की कक्षाओं का प्राथमिक स्थान फैज़िया, दार-उल-शिफा, मस्जिद-ए-आज़म और हरम-ए-मुतहर के पास स्थित मदरसों में होना चाहिए, ताकि पहले की गरिमा और प्रतिष्ठा बनी रहे। यदि छात्रों को आने-जाने में कोई समस्या हो रही है तो उसे हल किया जाना चाहिए।

मुलाकात के अंत में आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने धार्मिक शिक्षा प्रबंधकों के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे इस बात को समझें कि वे इमाम ज़मान (अ) के सैनिकों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने इस महान कार्य के लिए उन्हें बधाई दी।

इस मुलाकात में आयतुल्लाह शबजिंदादार और हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन फ़र्रूख फ़ाल, जो उच्चस्तरीय धार्मिक शिक्षा परिषद के सचिवालय के प्रमुख हैं, ने भी अपने विचार साझा किए।

हौज़ा ए इल्मिया मे पहले की तरह एक या दो सार्वजनिक अखलाक़ की कक्षा होनी चाहिए

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