न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आईआरजीसी के कमान्डर जनरल मुहम्मद अली जाफ़री ने शनिवार को इराक़ से मिली ईरान की शलम्चा सीमा के निरिक्षण के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अरबईन का व्यापक संदेश यह है कि सभी मुसलमान और ग़ैर मुस्लिम, विश्व साम्राज्य और अत्याचार के विरुद्ध एकजुट हो गये हैं और सभी लोग शहीदों के ख़ून का बदला लेने की तमन्ना में हैं।
ज्ञात रहे कि इस साल अरबईन के मिलियन मार्च में भाग लेने के लिए इराक़, ईरान और दुनिया के विभिन्न देशों के तीर्थयात्री और हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम श्रद्धालु हर साल से अधिक संख्या में इराक़ पहुंच रहे हैं और इनमें पिछले वर्षों से भी अधिक जोश पाया जा रहा है और समस्त समस्याओं और आर्थिक मामलों के बावजूद अरबईन मिलियन मार्च में हर साल से अधिक संख्या में शामिल हैं।
आईआरजीसी के कमान्डर ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि पुलिस, आईआरजीसी, स्वयं सेवी बल बसीज, ज़िला प्रशासन सहित सभी संस्थाएं और स्वयं सेवी संगठन स्वेच्छा से तीर्थयात्रियों की सेवाओं में व्यस्त हैं।
जनरल जाफ़री ने शलम्चा सीमा की ओर जाने वाले रास्ते में बने मौकिब और कैंपों का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों में एक अजीब जोश पाया जा रहा है जो एक भव्य घटना अर्थात इमाम महदी के प्रकट की तैयारी है क्योंकि सभी शीया और अन्य मत के लोग अंतिम मोक्षदाता के प्रकट होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का आंदोलन अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष और अत्याचार के सामने न झुकने के लिए था और यही आशूरा की घटना का मुख्य संदेश है।
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