हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान के शहर जम के इमाम-ए जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली हाशमी निजाद ने धार्मिक विद्वानों के साथ आयोजित एक बैठक में हज़रत फातिमा मासूमा सलामुल्लाह अलैहा के पवित्र जन्मदिन और शिक्षक दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए तथा बंदर अब्बास शहर की दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और मेहमानों के साथ संवेदना साझा की।
उन्होंने पवित्र महीने रमज़ान में धार्मिक विद्वानों के प्रशंसनीय प्रयासों का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि आने वाले महीने मुहर्रम में भी प्रभावी ढंग से धार्मिक प्रचार गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
उन्होंने कहा,इस बैठक का उद्देश्य धार्मिक प्रचार के कार्यों में समन्वय स्थापित करना विद्वानों की मूल्यवान राय आलोचनाओं और सुझावों को सुनना और उनमें सुधार करना है।
जम के इमाम-ए जुमआ ने कहा,इससे पहले कि हम समाज का सुधार करें, हमें स्वयं को सुधारने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए उन्होंने इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम के इस कथन को अपनाने पर जोर दिया, कूनू दुआतन्नास बि-आमालिकुम(लोगों को अपने कर्मों के माध्यम से (इस्लाम की ओर) आमंत्रित करो।
उन्होंने कहा कि हमें यह आदर्श अपनाना चाहिए ताकि हमारा चरित्र और व्यवहार इस्लामी नैतिकता का वास्तविक प्रतिबिंब बन सके।
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