۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
تصاویر / اجلاس سالانه علما و طلاب آذربایجانی مقیم قم

हौज़ा / ईरान के उर्मिया शहर के इमाम जुमा ने कहा: यदि हम अपने धार्मिक कर्तव्य को पूरा करने में आलस्य दिखाएंगे, तो समाज में विभिन्न अज्ञानी समूह और धाराएं एक के बाद एक विद्वानों और उपदेशकों की जिम्मेदारियां संभालने लगेंगी। इसलिए हमें अपने कर्तव्य पालन में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान के पश्चिमी आज़रबैजान प्रांत में धार्मिक न्यायविद् हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद मेहदी कुरैशी ने मदरसा दार अल-शिफा क़ुम में इस प्रांत के छात्रों और विद्वानों के साथ आयोजित एक बैठक में बोलते हुए कहा : सफलता और खुशी पाना ईश्वर की कृपाओं में से एक है।

उन्होंने कहा: हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ) की हदीस "उलमा और विद्वानो के स्थान को बयान किया गया है, इमाम (अ) इस हदीस मे फ़रमाते है कि पुनरुत्थान के दिन अल्लाह तआला सभी मानव जाति को एक मैदान मे इकठ्ठा करेगा, और वहा एक तराज़ू रखी जाएगी जिसमे शहीदो के खून और विद्वानो की स्याही को तौला जाएगा।" लेकिन विद्वानों के कलम की स्याही का वजन शहीदों के खून पर भारी पड़ेगा''

उर्मिया शहर के इमाम जुमा ने कहा: शहीद अहल अल-बैत (अ) के उसी स्कूल के अनुयायी हैं जिसका विद्वानों ने प्रचार किया है। यदि विद्वान न होते तो हाजी कासिम सुलेमानी जैसे लोगों को प्रशिक्षण न मिलता।

हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन कुरैशी ने कहा: ऐसे छात्रों की निर्विवाद आवश्यकता है जो अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में पारंगत हों। प्रिय छात्रों को अपने शैक्षणिक और अनुसंधान कौशल और शैक्षणिक प्रगति में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में महारत हासिल करनी चाहिए।

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