हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार; अशरा करामत और हज़रत इमाम अली रज़ा (अ) की धन्य जयंती के अवसर पर, इमाम रज़ा (अ) का छठा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सोमवार, 5 मई, 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें अहले बैत (अ), विशेष रूप से इमाम रज़ा (अ) की शिक्षाओं से लाभ उठाया गया, जो अधिकार और मानवीय गरिमा, सम्मान और गरिमा के विषय पर था। इस अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में इमाम रज़ा (अ)तीर्थ के संरक्षक हुज्जतुल-इस्लाम वल मुसलेमीन अहमद मरवी, विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. होसैन सिमाई सराफ, विज्ञान अकादमी के निदेशक डॉ. मोहम्मद रज़ा मुखबर-ए-दज़-फुली, अहले बैत विश्व परिषद के प्रमुख आयतुल्लाह रेजा रमेज़ानी और 21 देशों के विद्वानों ने भाग लिया।
इस विश्व कांग्रेस में सात सत्रों में मानवाधिकार और गरिमा विषय पर चालीस लेख प्रस्तुत किये गये। सत्र में रूस के धार्मिक मुस्लिम महासंघ के वैज्ञानिक विभाग के प्रमुख, श्री इल्या सदोरिन, संयुक्त राज्य अमेरिका में मानवाधिकार कार्यकर्ता, डॉ. रैंडी शॉर्ट, नीदरलैंड के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वकील, डॉ. मसूद ताहेरी, लंदन में इस्लामी मानवाधिकार आयोग के प्रमुख, डॉ. मसूद शाजारा, फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अर्जेंटीना के संस्थापक, शेख अली गेब्रियल लिएंड्रो, रांची, भारत के इमाम जुमा, शेख महमूद बिन हमौदा, प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान शामिल हुए। ट्यूनीशिया, सेनेगल से शिया नेता अब्दुल मोनीम अल-ज़ैन, और कई अन्य विदेशी और घरेलू बुद्धिजीवी।
विश्व कांग्रेस के अंत में ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पिजिश्कियान, अस्तान कुद्स रज़ावी के संरक्षक, हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन अहमद मावी और कुछ विदेशी बुद्धिजीवियों ने बात की।
आस्तान कुद्स रजावी के वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन के प्रमुख डॉ. अब्दुल हामिद तालेबी ने इस विश्व कांग्रेस को पिछले पांच वर्षों में आस्तान कुद्स रजावी का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रभावी आयोजन बताया और कहा कि यह विश्व कांग्रेस वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन द्वारा आयोजित की जा रही है और इसके आयोजन से रजावी शिक्षाओं एवं चरित्र को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन अवसर मिला है।
डॉ. तालेबी ने कहा कि इस विश्व कांग्रेस के अंत में “रिजवी प्रकाशन”, “द वाइज फैमिली” जिसका सर्बियाई भाषा में अनुवाद किया गया है, तथा “इमाम रजा (अ) की यहूदी एवं ईसाई विद्वानों के साथ बहस” पुस्तक का भी अनावरण किया गया।
गौरतलब है कि मंगलवार, 6 मई 2025 को इमाम रजा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में “गाजा और प्रतिरोध के अधिकार” विषय पर एक शैक्षणिक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता, जैसे लंदन में इस्लामिक मानवाधिकार आयोग के प्रमुख डॉ. मसूद शजारा, फ्रांसीसी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार वायलेट डागर और “कंसल्टेटिव सेंटर फॉर स्टडीज एंड डॉक्यूमेंटेशन” के उपाध्यक्ष और कानूनी विभाग के प्रमुख डॉ. मुहम्मद ताई प्रतिरोध के अधिकार, निर्दोष लोगों के नरसंहार और क्रूर प्रतिबंधों के परिणामों के विषय पर संबोधित करेंगे।
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