हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,मजलिस-ए-ख़बर्गान-ए-रहबरी के सदस्य हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद मेहदी मीरबाकरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अमेरिका अपनी धमकियों का सिलसिला जारी रखता है, तो जल्द ही सभी प्रतिरोधी समूहों को आधुनिक और उन्नत हथियारों से लैस कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह बात क़ुम में "मदरस-ए-इल्मिया रज़विया" के शहीद तालिब-ए-इल्मों और शहीद उलेमा की याद में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहां,
उन्होंने कहा,हौज़ात-ए-इल्मिया को चाहिए कि वे इतिहास के दर्शन और उपनिवेशवादी योजनाओं की गहरी समझ के साथ पश्चिमी भौतिक सभ्यता का सामना करें वह सभ्यता जो पुनर्जागरण (Renaissance) के दौर से शुरू होकर आज पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व जमाना चाहती है।
हुज्जतुल इस्लाम मीरबाकरी ने पश्चिमी प्रभाव के तीन चरणों का उल्लेख किया,मशरूता (संवैधानिक क्रांति) के बाद का सैन्य काल,रज़ा ख़ान के दौर से आधुनिक राष्ट्र-राज्यों की स्थापना,
तीसरा चरण सांस्कृतिक हमला, जो अहलेबैत अ.स. की शिक्षाओं और आध्यात्मिकता को मिटाने के लिए शुरू किया गया।
उन्होंने इस संघर्ष में इस्लामी क्रांति को एक अहम मोड़ बताया और कहा,इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की नेतृत्व में हौज़ा-ए-इल्मिया ने पश्चिम के खिलाफ एक वैश्विक आंदोलन की नींव रखी। शहीद मुतहरी और शहीद बहिश्ती जैसे आलिम इस महान जिहाद के अलमबरदार थे, और उनका रास्ता जारी रहना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज पश्चिम, अरब देशों और इज़राइल के साथ समझौतों के ज़रिए इस्लामी दुनिया पर एक नया प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है। लेकिन इस्लामी गणराज्य ईरान की नेतृत्व में मुक़ावमत (प्रतिरोध) का मोर्चा दिन-ब-दिन मज़बूत हो रहा है, और अगर अमेरिकी धमकियाँ जारी रहीं तो सभी प्रतिरोधी समूहों को जल्द ही आधुनिक हथियारों से सुसज्जित कर दिया जाएगा।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मीरबाकरी ने हौज़ा-ए-इल्मिया की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा,रहबर-ए-मुअज़्ज़म (सर्वोच्च नेता) के घोषणापत्र के अनुसार, हौज़ा की ज़िम्मेदारी है कि वह सांस्कृतिक 'नाटो' का सामना करने के लिए क्रांतिकारी व्यक्तित्वों की परवरिश करे, इस्लामी जागरूकता को ज़िंदा रखे, नबवी इस्लाम के मुक़ाबले में 'अमेरिकाई इस्लाम' के प्रभाव को रोके, और अहलेबैत अ.स. के शुद्ध शिक्षाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करे।
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