हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम जुमआ किरमान हुज्जतुल इस्लाम अलीदादी सुलैमानी ने जुमा के खुत्बे में अहम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने साफ़ कहा कि अगर कोई ईरान की ज़मीन या क़ानूनी और वैध सीमाओं पर हमला करेगा तो उसे कड़ी सज़ा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्रोन को गिराया जाना ईरान की रक्षा शक्ति और संकल्प का उदाहरण है।
उन्होंने दिफ़ा-ए-मुक़द्दस" की फ़तह और ख़ुर्रमशहर की आज़ादी को ईरानी क़ौम की कुर्बानियों और पक्के इरादे का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि ईरान ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, लेकिन जब भी रक्षा की ज़रूरत पड़ी पीछे नहीं हटा।
उन्होंने "मुक़ावमत" (प्रतिरोध) को क्षेत्रीय शांति का एक अहम तत्व बताते हुए हिज़्बुल्लाह लेबनान की कामयाबी को इसका सबूत कहा।
इमाम जुमआ ने शहीद ईरानी राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी की सेवाओं को श्रद्धांजलि दी और उनके ख़ुलूस, सच्चाई और जिहादी अंदाज़ की सराहना की। उन्होंने कहा कि शहीद रईसी ने कम वक्त में विदेश नीति, अर्थव्यवस्था और जनसेवा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
आख़िर में उन्होंने इस्लामी परिवार के आदर्श के तौर पर हज़रत अली अ.स और हज़रत फ़ातिमा (स.अ) की शादीशुदा ज़िंदगी को अनुकरणीय बताया और ईरानी जनता से अपील की कि वे अपनी धार्मिक और नैतिक परवरिश के लिए इस आदर्श से प्रेरणा लें।
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