हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हज़रत आयतुल्लाह क़ुर्बान अली दरी नजफ़आबादी ने जुमआ के खुत्बे में कहा, कि इस्लामी ईरान की ताक़त, इज़्ज़त और साख़, रहबर ए इन्क़लाब की रहनुमाई की बदौलत है उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विलायत-ए-फ़क़ीह और राष्ट्रीय एकता इस्लामी गणराज्य ईरान की ताक़त के दो अहम स्तंभ हैं और इनकी हिफ़ाज़त हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे एकजुट होकर क़ुद्स और मज़लूम फ़िलस्तीन का समर्थन करें और ज़ालिमों के सामने मज़बूती से खड़े रहें। उन्होंने कहा कि अगर आज हमने इस्लाम की मदद नहीं की तो आने वाले समय में हमें और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
अपने खुतबे के दूसरे हिस्से में उन्होंने इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) की शहादत पर ताज़ियत पेश की और कहा कि उनकी शिक्षाओं और उद्देश्यों को समाज में और ज़्यादा फैलाया जाना चाहिए।
आयतुल्लाह दरी नजफआबादी ने अध्यापक दिवस की भी बधाई दी और शहीद मुतहरी जैसे महान शिक्षकों को याद करते हुए कहा कि शिक्षकों को नई पीढ़ी की सही परवरिश पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि वे ऊँचे आदर्शों और लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ें।
उन्होंने मज़दूरों (कामगारों) की अहमियत को भी बताया और कहा कि ईरानी मज़दूर देश की तरक़्क़ी और आर्थिक मोर्चे पर सम्मान, मेहनत और बलिदान के साथ काम कर रहे हैं।
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