हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क़ुम अल-मुक़द्देसा के इमाम जुमआ ने अपने जुमा की नमाज के खुत्बे में हज़रत फातिमा ज़हरा (स) के व्यक्तित्व को महिलाओं और युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श बताया, उन्होंने कहा कि उनका जीवन इबादत, शुद्धता और बलिदान का एक आदर्श उदाहरण है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही जंग की ओर इशारा करते हुए कहा, ईरान सरकार को सोशल मीडिया को लेकर उचित कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इस वक्त एक बड़ी जंग चल रही है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह पहले इसे एक सिस्टम के तहत लाए और फिर सुधारात्मक कदम उठाए।
उन्होंने अमेरिका की नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिमी शक्तियां दुनिया को प्रभुत्वशाली और अधीन में बांटती हैं, लेकिन ईरान को किसी की गुलामी स्वीकार नहीं है। उन्होंने हिजबुल्लाह के नेता शहीद हसन नसरुल्लाह का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी शहादत के बावजूद प्रतिरोध की प्रक्रिया तेज हो गई है।
आयतुल्लाह बुशहरी ने सरकार से अगले साल का बजट बिना घाटे के तैयार करने और सार्वजनिक मुद्दों, विशेषकर मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने को कहा।
उन्होंने मआद (प्रलय के दिन) पर विश्वास के महत्व को समझाया और कहा कि यह विश्वास व्यक्ति को जिम्मेदारी का एहसास कराता है और उसे बेहतर जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने महिलाओं की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि लेबनान की मदद के लिए चलाए गए आंदोलन और प्रतिरोध में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो सामाजिक समरसता का सबसे अच्छा उदाहरण है।