रविवार 25 मई 2025 - 08:02
इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) की हुकूमत के उद्देश्य

हौज़ा / इंसान दो पहलुओं से बना है: शरीर और आत्मा। उसकी ज़रूरतें भी दो तरह की होती हैं: भौतिक (मटेरियल) और आध्यात्मिक। इसलिए, कमाल पाने के लिए, इंसान को दोनों पहलुओं में सोच-समझ कर और सही तरीके से कदम उठाने चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  हज़रत इमाम महदी (अ) की वैश्विक हुकूमत का मक़सद इंसान को अल्लाह के करीब लाना है, क्योंकि इस काएनात की रचना का उद्देश्य इंसान का कमाल और अल्लाह तआला के करीब होना है। इस महान लक्ष्य को पाने के लिए ज़रूरी साधन और उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं।

इंसान के शरीर और आत्मा दोनों की ज़रूरतों को पूरा करना जरूरी है, और इस रास्ते में "न्याय" (अदालत) जो कि इलाही हुकूमत का बड़ा फल है, इंसान की भौतिक और आध्यात्मिक विकास की सुरक्षा करता है।

इसलिए, बारहवें इमाम (अलैहिस्सलाम) की सरकार के उद्देश्य दो मुख्य हिस्सों (आध्यात्मिक विकास) और (न्याय का कार्यान्वयन और उसका विस्तार) में समझे जा सकते हैं:

आध्यात्मिक विकास

जब इंसान अल्लाह के हुक्मरान की सरकार से दूर रहता है, तो उसकी आध्यात्मिकता और आध्यात्मिक मूल्य क्या स्थिति में होते हैं? क्या यह सच नहीं है कि इंसानियत लगातार आध्यात्मिक गिरावट की ओर बढ़ रही है? इंसान अपनी नफ़्सानी इच्छाओं और शैतानी फरेबों का पालन करता है, जिससे वह अपनी ज़िंदगी की खूबसूरती को भूल जाता है और खुद ही उसे वासना के कब्रिस्तान में दफन कर देता है।

संक्षेप में कहा जाए तो, इंसान की ज़िंदगी में आध्यात्मिकता (मानवयत) अब लगभग खत्म हो चुकी है, और कई जगहों पर तो इसका कोई निशान तक नहीं बचा है।

बारहवें इमाम की सरकार इस इंसानी मानवयत को फिर से ज़िंदा करने की कोशिश करती है ताकि इंसान असली ज़िंदगी का मीठा स्वाद चख सके और सभी को याद दिलाए कि शुरू से ही यह तय था कि इंसान ऐसी ज़िंदगी जिएगा, जैसा कि क़ुरआन में भी बताया गया है।

یَا أَیُّهَا الَّذِینَ آمَنُوا اسْتَجِیبُوا لِلَّهِ وَلِلرَّسُولِ إِذَا دَعَاکُمْ لِمَا یُحْیِیکُمْ या अय्योहल लज़ीना आमनुस तजीबू लिल्लाहे व लिर रसूले इज़ा दआकुम लेमा योहयीकुम

ऐ ईमान लाने वालों! जब अल्लाह और उसके रसूल आपको उस चीज़ के लिए बुलाएं जो आपको ज़िंदगी देती है, तो उनकी पुकार का जवाब दो। (सूर ए अन्फाल, आयत 24)

इसलिए, आध्यात्मिक जीवन, जो इंसानों को जानवरों से अलग करता है, इंसान के अस्तित्व का मुख्य और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए, जब परवरदिगार के वली की सरकार होती है, तो इंसान के इस आध्यात्मिक हिस्से को सही दिशा मिलती है और इंसानी मूल्य जीवन के हर पहलू में खिल उठते हैं।

न्याय व्यवस्था

समाज के शरीर पर सबसे बड़ा घाव हमेशा से अन्याय और अत्याचार रहा है। इंसानियत हमेशा से अपने हक़ों से वंचित रही है और कभी भी भौतिक और आध्यात्मिक संसाधन लोगों में बराबर नहीं बंटे। हमेशा कुछ लोग पेट भरे हुए होते हैं, जबकि कई भूखे रहते हैं। महलों के पास कुछ लोग सड़क किनारे और फुटपाथ पर सोते हैं। इंसान हमेशा न्याय और समानता की चाह में रहा है और न्याय के खिलने वाले युग का इंतजार करता रहा है।

इस इंतजार का अंत होगा इमाम महदी (अ) की हुकूमत के दौरान। वे सबसे बड़े न्यायप्रिय नेता और इंसाफ करने वाले होंगे, जो पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में न्याय लागू करेंगे। यह बात कई धार्मिक कथनों में भी बताई गई है, जो उनके आने की खुशखबरी देते हैं। इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने भी ऐसा कहा है:

لَوْ لَمْ یَبْقَ مِنَ اَلدُّنْیَا إِلاَّ یَوْمٌ وَاحِدٌ لَطَوَّلَ اَللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ ذَلِکَ اَلْیَوْمَ حَتَّی یَخْرُجَ رَجُلٌ مِنْ وُلْدِی فَیَمْلَأَهَا عَدْلاً وَ قِسْطاً کَمَا مُلِئَتْ جَوْراً وَ ظُلْماً کَذَلِکَ سَمِعْتُ رَسُولَ اَللَّهِ صَلَّی اَللَّهُ عَلَیْهِ وَ آلِهِ یَقُولُ लौ लम यब्क़ा मेनद दुनिया इल्ला यौमुन वाहेदुन लतव्वलल्लाहो अज़्ज़ा व जल्ला ज़ालेकल यौमा हत्ता यख़रोजा रजोलुन मिन वुलदी फ़यमलअहा अदलन व क़िस्तन कमा मुलेअत जौरन व ज़ुल्मन कज़ालेका समेअतो रसूलल्लाहे सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि यक़ूलो

अगर दुनिया में सिर्फ एक दिन बचा हो, तो अल्लाह उस दिन को इतना लंबा कर देगा कि मेरा एक बेटे (इमाम महदी) निकलेगा और वह धरती को न्याय और इंसाफ से भर देगा, जैसे कि वह पहले अत्याचार और अन्याय से भरी हुई थी। मैंने पैग़म्बर मुहम्मद (स) से ऐसा ही सुना है। (क़मालुद्दीन, भाग 1, पेज 317)

और भी कई हदीसें हैं जो बताती हैं कि आखिरी मौऊद इलाही की सरकार में पूरी दुनिया में न्याय कायम होगा और अन्याय और अत्याचार खत्म हो जाएंगे।

इक़्तेबास: किताब "नगीन आफरिनिश" से (मामूली परिवर्तन के साथ)

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