बुधवार 28 मई 2025 - 07:38
इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) आलमी हुकूमत की अवधि

हौज़ा / इमाम महदी अलैहिस्सलाम द्वारा स्थापित न्यायपूर्ण व्यवस्था ऐसी सरकार होगी कि उसके बाद कोई और सरकार नहीं होगी। वास्तव में, यह मानव जीवन का एक नया इतिहास शुरू करेगा, जो पूरी तरह से इलाही हाकेमीयत के अधीन होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जब मानवता अत्याचार और अन्याय की एक लंबी अवधि पूरी कर लेगी, तो दुनिया आखिरी हुक्मरान, यानी इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के ज़ुहूर होने से अच्छाई के शासन की ओर बढ़ेगी। यह शासन नेक और न्यायप्रिय शासकों के हाथों में होगा, और यह अल्लाह का निश्चित वादा है।

इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के नेतृत्व में शुरू होने वाला यह न्यायपूर्ण शासन दुनिया के अंत तक जारी रहेगा, और फिर कभी अत्याचार और अन्याय का दौर वापस नहीं आएगा।

अल्लाह, आख़री मासूम के शासन की खुशखबरी पैग़म्बर इस्लाम (स) को देता है और कहता है

لَأُدِیمَنَّ مُلْکَهُ وَ لَأُدَاوِلَنَّ الْأَیَّامَ بَیْنَ أَوْلِیَائِی إِلَی یَوْمِ الْقِیَامَةِ ला ओदीमन्ना मुल्कहू वला ओदावेलन्नल अय्यामा बैना औलेयाई एला यौमिल क़यामते

(जब इमाम महदी अलैहिस्सलाम शासन पर पहुँचेंगे) तो मैं उनके राज्य को कायम रखूंगा और क़यामत तक ज़मीन का शासन औलिया और अपने दोस्तो के हाथों में लगातार सौंपता रहूंगा। (कमालुद्दीन, ज 1, पृ 256)

इसलिए, वह न्यायपूर्ण व्यवस्था जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम स्थापित करेंगे, ऐसी सरकार होगी जिसके बाद किसी और के लिए कोई सरकार नहीं होगी। वास्तव में, यह मानव जीवन का एक नया इतिहास शुरू करेगा, जो पूरी तरह से इलाही हाकेमीयत के अधीन होगा।

इमाम बाक़िर (अलैहिस्सलाम) फ़रमाते हैं:

دَوْلَتُنَا آخِرُ الدُّوَلِ وَ لَنْ‌ یَبْقَ أَهْلُ‌ بَیْتٍ لَهُمْ دَوْلَةٌ إِلَّا مُلِّکُوا قَبْلَنَا لِئَلَّا یَقُولُوا إِذَا رَأَوْا سِیرَتَنَا إِذَا مُلِّکْنَا سِرْنَا مِثْلَ سِیرَةِ هَؤُلَاءِ दौलतोना आख़ेरुद दोवले व लन यब्क़ा अहलो बैतिन लहुम दौलतुन इल्ला मुल्लेकू क़ब्लना लेअल्ला यक़ूलू इज़ा रऔ सीरतना इज़ा मुल्लिक्ना सिरना मिस्ला सीरते हाउलाए

हमारी सरकार आखिरी सरकार होगी और कोई ऐसा परिवार नहीं रहेगा जिसके पास सरकार न हो, लेकिन वे हमारी सरकार से पहले शासन करेंगे ताकि जब वे हमारी शासन प्रणाली देखें तो यह न कह सकें कि अगर हम भी शासन करते तो वैसे ही करते। (अल-ग़ैबा, शेख तूसी, पेज 473)

इसलिए, अल्लाह के शासन की अवधि, जो इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के ज़ुहूर होने के बाद शुरू होगी, इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के व्यक्तिगत शासनकाल से अलग है। हदीसों के अनुसार, वह अपने बाकी जीवनकाल में शासन करेंगे और अंत में दुनिया से विदा हो जाएंगे।

इस बात में कोई शक नहीं कि उनका शासन इतना लंबा होगा कि पूरी दुनिया में न्याय स्थापित हो सके और वैश्विक बदलाव संभव हो। लेकिन यह कि यह लक्ष्य कितने वर्षों में पूरा होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। इसके लिए हमें आइम्मा ए मासूमीन (अलैहिस्सलाम) की हदीसों पर भरोसा करना चाहिए। हालांकि, उस इलाही रहबर की क्षमताओं, ग़ैबी मदद, उसके साथियों की योग्यता और दुनिया की तत्परता को देखते हुए, यह संभव है कि महदी मौऊद (अलैहिस्सलाम) का मिशन अपेक्षाकृत कम समय में पूरा हो जाए।

जो हदीसें इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन की अवधि बताती हैं, वे बहुत विविध हैं। कुछ हदीसों में उनकी शासन अवधि 5 साल बताई गई है, कुछ में 7 साल, और कुछ में 8, 9, या 10 साल। कुछ हदीसों में यह अवधि 19 साल और कुछ महीनों, 40 साल, और यहां तक कि 309 साल भी बताई गई है।

इन हदीसों से असली शासन अवधि का पता लगाना मुश्किल है। लेकिन कुछ शिया धर्मगुरूओ ने 7 साल की अवधि वाली हदीसों की कसरत और शोहरत के कारण इसे सही माना है। वहीं कुछ अन्य धर्मगुरूओ के अनुसार, इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) का शासन 7 साल का होगा, लेकिन हर एक साल हमारे सामान्य सालों के 10 साल के बराबर होगा।

इक़्तेबास: किताब "नगीन आफरिनिश" से (मामूली परिवर्तन के साथ)

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