शुक्रवार 30 मई 2025 - 12:48
इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) का शासन और उसका केंद्र

हौज़ा / बहुत सी हदीसें मौजूद हैं जो साफ़ तौर पर बताती हैं कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) का शासन पूरी दुनिया में होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इसमे कोई शक नहीं है कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) का शासन पूरी दुनिया पर होगा, क्योंकि वे पूरी मानवता के मसीहा हैं और सभी इंसानों की इच्छाओं को पूरा करेंगे। इसलिए, उनके शासन के तहत जो भी अच्छाई और सुंदरता आएगी, वह पूरी धरती में फैल जाएगी।

बहुत सी हदीसें इस बात की पुष्टि करती हैं कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) का शासन पूरी दुनिया पर होगा। उदाहरण के लिए, पैगंबर मुहम्मद (स) ने बताया है कि अल्लाह तआला ने फ़रमाया है:

... وَ عِزَّتِی وَ جَلَالِی لَأُظْهِرَنَّ بِهِمْ دِینِی وَ لَأُعْلِینَّ بِهِمْ کَلِمَتِی وَ لَأُطَهِّرَنَّ الْأَرْضَ بِآخِرِهِمْ مِنْ أَعْدَائِی وَ لَأُمَلِّکَنَّهُ مَشَارِقَ الْأَرْضِ وَ مَغَارِبَهَا... ... व इज्जती व जलाली लउज़हेरन्ना बेहिम दीनी व लाओलेयन्ना बेहिम कलेमती व लओतह्हरन्नल अर्ज़ा बेआख़ेरेहिम मिन आदाई व लाओमल्लेकन्नहू मशारेक़ल अर्ज़े व मग़ारेबेहा ...

मेरी शान और जलालत की कसम, मैं अपने इन (बारह) इमामों के द्वारा अपने धर्म को सभी धर्मों पर विजयी कर दूंगा, और उनके द्वारा अपना आदेश पूरी दुनिया में फैलाऊंगा। और अपने आखिरी (इमाम महदी) के द्वारा पूरी धरती को अपने दुश्मनों से साफ़ कर दूंगा, और उसे धरती के पूरब और पश्चिम दोनों का मालिक बना दूंगा। (कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 256)

इमाम बाक़िर (अ) ने भी फ़रमाया:

اَلْقَائِمُ مِنَّا ... یبْلُغُ سُلْطَانُهُ اَلْمَشْرِقَ وَ اَلْمَغْرِبَ وَ یظْهِرُ اَللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ بِهِ دَینَهُ عَلَی اَلدِّینِ کُلِّهِ وَ لَوْ کَرِهَ اَلْمُشْرِکُونَ فَلاَ یبْقَی فِی اَلْأَرْضِ خَرَابٌ إِلاَّ قَدْ عُمِرَ...  ... अल क़ायमो मिन्ना ... यबलोग़ो सुलतानोहुल मशरेक़ा वल मग़रेबा व यज़हेरोहुल्लाहो अज़्ज़ा व जल्ला बेहि दैनहू अलद दीना कुल्लेहि वलो करेहल मुशरेकूना फ़ला यब्क़ा फ़िल अर्ज़े ख़राबुन इल्ला क़द ओमेरा 

क़ाइम (इमाम महदी) हमारे घराने से है। उसका शासन पूरब और पश्चिम तक फैल जाएगा। अल्लाह अपनी शक्ति और जलाल के साथ उसके द्वारा अपने धर्म को सभी धर्मों पर विजय देगा, भले ही यह बात काफ़िरों को पसंद न आए। उसके शासन के दौरान धरती पर कोई भी वीरान जगह नहीं रहेगी, बल्कि वह सब आबाद हो जाएगी। (कमालुद्दीन, भाग 1, पेज 330)

इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन का केंद्र

इमाम महदी (अहैलिस्सालम) का वैश्विक शासन का केंद्र ऐतिहासिक शहर कूफ़ा होगा। उस समय कूफ़ा इतना बड़ा होगा कि इसमें नजफ़ शहर भी शामिल हो जाएगा, जो कूफ़ा से कुछ किलोमीटर दूर है। इसी वजह से कुछ हदीसों में शासन का केंद्र "कूफ़ा" बताया गया है और कुछ में "नजफ़"।

इमाम सादिक़ (अ) ने एक लंबी हदीस में फ़रमाया:

... دَارُ مُلْکِهِ اَلْکُوفَةُ وَ مَجْلِسُ حُکْمِهِ جَامِعُهَا...  ... दारो मुलकेहिल कूफ़तो व मजलिसो हुक्मेहि जामेओहा ...।

उनकी हुकूमत का घर कूफ़ा होगा और उनका न्यायालय भी कूफ़ा की (मशहूर) मस्जिद होगी। (बिहार उल अनवार, भाग 53, पेज 11)

यह बताना ज़रूरी है कि कूफ़ा शहर प्राचीन काल से ही पैग़म्बर मुहम्मद (स) के परिवार का ध्यान केंद्र रहा है और यह अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) की हुकूमत का ठिकाना भी था। कूफ़ा की मशहूर मस्जिद इस्लाम की चार प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है, जहाँ हज़रत अली (अलैहिस्सालम) नमाज़ पढ़ते थे, खुतबा देते थे और न्याय करते थे। अंत में, वे उसी मस्जिद की मेहराब में शहीद हुए।

इक़्तेबास: किताब "नगीन आफरिनिश" से (मामूली परिवर्तन के साथ)

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha