हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस रिवायत को "बिहार उल अनवार" पुस्तक से उद्धृत लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیہ السلام:
لا يَسلَمُ أحَدٌ مِن الذُّنوبِ حتّى يَخزُنَ لِسانَهُ
इमाम बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
कोई भी व्यक्ति तब तक गुनाह से नहीं बच सकता जब तक वह अपनी ज़ुबान पर नियंत्रण न रखे।
बिहार उल-अनवार: भाग 75, पेज 179, हदीस 54
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