हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الجواد عليه السلام:
نِعْمَةٌ لا تُشْكَرُ كَسَيِّئَةٍ لا تُغْفَرُ.
इमाम तक़ी (अ) ने फ़रमाया:
जिस नेमत के लिए शुक्र नहीं किया जाता, वह उस पाप के समान है जिसकी माफ़ी नहीं की जाती।
बिहार उल अनवार, भाग 68, पेज 53, हदीस 69
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