गुरुवार 25 सितंबर 2025 - 06:30
मोमिन की ज़रूरत पूरी करने की जज़ा

हौज़ा / इमाम सादिक़ (अ) ने एक रिवायत मे उस व्यक्ति की उच्च स्थिति और इलाही इनाम का वर्णन किया है जो अपने मोमिन भाई की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत को बिहार उल अनवार पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैः

امام صادق علیه‌السلام:

ما قَضی مُسْلِمٌ لِمُسْلِمٍ حاجَةً اِلاّ ناداهُ اللّهُ تَبارَکَ وَ تَعالی: عَلَیَّ ثَوابُکَ وَ لا اَرْضی لَکَ بِدُونِ الْجَنَّةِ

इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमायाः 

कोई भी मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान की ज़रूरत पूरी नहीं करता जब तक कि अल्लाह तआला उसे न पुकारे: तुम्हारा इनाम मेरे पास है, और मैं तुम्हारे लिए जन्नत से कम किसी चीज़ से संतुष्ट नहीं होऊंगा।

बिहार उल अनवार, भाग 74, पेज 312

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