۲۴ آبان ۱۴۰۳ |۱۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 14, 2024
Iran

हौज़ा / सनंदज के इमाम ए जुमआ मौलवी मोहम्मद अमीन रास्‍ती ने कहा कि इस्लाम के दुश्मन अच्छी तरह जानते हैं कि मुसलमानों की वास्तविक शक्ति एकता में छिपी हुई है, इसलिए वे उम्‍मत ए मुस्लिम में फितने पैदा करके इस एकता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,सनंदज के इमाम ए जुमआ मौलवी मोहम्मद अमीन रास्‍ती ने कहा कि इस्लाम के दुश्मन अच्छी तरह जानते हैं कि मुसलमानों की वास्तविक शक्ति एकता में छिपी हुई है इसलिए वे उम्मत-ए-मुस्लिम में फितने पैदा करके इस एकता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

मौलवी मोहम्मद अमीन रास्‍ती ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के कुर्दिस्तान में प्रतिनिधि से बात करते हुए कहा कि पिछले 14 महीनों में गाजा और लेबनान के लोगों पर ज़ायोनी कब्ज़ा करने वालों के हमलों के कारण लगभग 45 हजार लोग शहीद हुए, लाखों घायल हुए और लाखों बेघर हो गए हैं।

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इस भयानक स्थिति पर वैश्विक समुदाय और इस्लामी देशों की ओर से किसी प्रभावी प्रतिक्रिया का न आना मानवता के लिए एक काला धब्बा है।

मौलवी रास्‍ती ने कहा कि इस्लाम के दुश्मन मुसलमानों के बीच एकता स्थापित करने की राह में बाधाएं डाल रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मुसलमानों की असली ताकत इसी एकता में है। यही कारण है कि वह इस्लामी दुनिया में फितने पैदा कर रहे हैं ताकि यह महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरा न हो सके।

उन्होंने आगे कहा कि जब तक इस्लामी देश एकता के इस मुद्दे पर गंभीर कदम नहीं उठाते, गाजा और लेबनान के लोगों को ज़ायोनी अत्याचारों से मुक्ति की उम्मीद नहीं की जा सकती हैं।

सनंदज के इमाम ए जुमआ ने कहा कि इज़राइल ने साबित कर दिया है कि वह पूरे मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया को आग में झोंकने की कोशिश में है, इसलिए इस्लामी देशों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह सवाल इस्लामी देशों के शासकों से पूछा जाना चाहिए कि आखिर क्यों केवल इस्लामी गणराज्य ईरान ही ज़ायोनियों के सामने खड़ा है जबकि अन्य देश चुप हैं? क्या केवल ईरान ही एकमात्र इस्लामी देश है जो प्रतिरोध के मोर्चे का नेतृत्व कर रहा है, या फिर ये देश डर के कारण इस निंदनीय नीति पर चल रहे हैं?

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