हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मजमा उलेमा व वाएज़ीन पूर्वांचल के प्रमुख मौलाना इब्न हसन अमलोवी ने एक संदेश मे इस्लामी गणराज्य ईरान के समर्थन और सुप्रीम लीडर के खिलाफ़ दुशमनो के दुसाहस की कड़े शब्दो मे निंदा की है।
मजमा उलेमा व वाएज़ीन पूर्वांचल के प्रमुख मौलाना इब्न हसन अमलोवी के संदेश का पूरा पाठ इस प्रकार हैः
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
وَمَن يَتَوَلَّ اللّهَ وَرَسُولَهُ وَالَّذِينَ آمَنُواْ فَإِنَّ حِزْبَ اللّهِ هُمُ الْغَالِبُونَ वमय यतवल्लल्लाहा व रसूलहू वल लज़ीना आमनू फ़इन्ना हिज़्बुल्लाहे होमुल ग़ालेबून (सूर ए माएदा, आयत न 56)
और जिस व्यक्ति ने अल्लाह और रसूल और ईमान वालो को अपना सरपरस्त बनाया तो निसंदेह अल्लाह ही का लश्कर ग़ालिब रहता है।
सुप्रीम लीडर और ईस्लामी गणराज्य ईरान की सलामती और पूर्ण विजय के लिए दुआ की अपील
मोमेनीन इकराम ! अस सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाहे व बराकातोह
ईरान की क्रांति जिसे 1979 की इस्लामी क्रांति भी कहा जाता है, एक श्रृंखलाबध घटनाए थी जो 1979 मे पहलवी परिवार का तख्ताउलटने पर आधारित हुई। धार्मिक विद्वान मरजा ए तक़लीद आयतुल्लाह रूहुल्लाह ख़ुमैनी (र) के नेतृत्व मे सफलता से हमकिनार होने वाली इस क्रांति के परिणाम मे ईरान की शाही रियासत की जगह मौजूदा इस्लामी गणराज्य ईरान ने ले ली, क्योकि मुहम्मद रज़ा पहलवी की जो ईरान का अंतिम बादशाह था, की ओर से ईरान की ऐतिहासिक (पच्चीस सौ वर्षीय) बादशाहत का अधिकारिक रूप से समापन कर दिया।
ईरान मे इस्लामी क्रांति की सफलता मे ईरानी जनता की कितनी बड़ी कुरबानीया शामिल है इसका इतिहास पुराना है। संक्षेप मे यह कि जो क्रांति कुरबानीया देकर कायम की जाती है वह सफल और देर तक चलती है। ईरानी उलेमा और ईरान की धार्मिक जनता ने जितनी क़ुरबानीया दी है उनका उदाहरण दुनिया पेश नही कर सकती। शायद इन्ही क़ुरबानीयो के कारण ईरानी जनता शहादत पसंद राष्ट्र के नाम से पूरी दुनिया मे अपना अलग पहचान बनाए हुए है। शहादत को सआदत समझने वाले इमाम हुसैन (अ) के अनुयायी मौत से नही डरा करते।
मौला अली (अ) का फ़रमान है कि ज़ालिम के दुशमन और मज़लूम के समर्थक बनो मज़लूमो का समर्थन और ज़ालिमो से घृणा करना सबसे बड़ा मानवी कर्तव्य है इस कर्तव्य के तहत हमने मासिक पत्रिका अल वाइज़ लखनऊ मे अपने एडीटर के समय मे (लगभग 1970 सै 1979) मुसलसल ईरान की इस्लामी क्रांति के समर्थन मे इदारिया और लेख लिखते थे जिनपर हमको कुछ धमकीया भी मिलती थी। उस समय बड़े बड़े आम व खास गहरी मसलहत आमेज़ रिकार्ड खामोशी इख्तियार किए हुए थे होटो को सिले बैठे थे।और आज जब इस्लामी क्रांति के खिलाफ़ अमेरिका और इजरायल ईरान पर खूनी युद्ध थोपे हुए है, हत्या और नरसंहार का बाज़ार गर्म किए हुए है और इस्लामी प्रणाली को समाप्त करने के लिए नए नए हरबे इस्तेमाल कर रहे है। यहा तक कि सोशल मीडिया के अनुसार पहलवी परिवार को फिर से ईरानी जनता पर कहरन व जबरन थोपना चाहते है। ईरान मे ग़द्दारो, पाखंडियो अमेरिका और इजरायल के जासूसो विशेष कर मौसाद के खरीदे हुए हजारो ऐजेंट खराबकारी और आतकंवाद मे लिप्त है। इस्लाम दुशमन ताकते इन पाखंड के साथ ईरानी नेतृत्व को चुन चुन कर हत्या कर रही है। 86 वर्षीय मरजा ए तक़लीद शियाने जहान सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई की हत्या करने की कगार पर है। मगर खुदा के खौफ़ से खाली उज़ जहन यहूद व नसारा, मुशरेकीन व मुनाफ़ेक़ीन यह नही जानते कि जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे। ईरान के कमांडर भी अपनी आला सहालियतो का शानदार और खूब डट कर मुजाहेरा व मुकाबला करते हुए ग़ज़्ज़ा और फ़िलिस्तीन के अस्पतालो, स्कूलो, बाज़ारो, आवासी स्थानो पर बमबारी करने वाले निर्दोष बच्चो, महिलाओ और वृद्धो की हत्या करने वाले इज़रायलीयो को भी मुह तोड़ जवाब दे रहे है। क़ुरआन मजीद की आयत فَمَنِ اعْتَدٰى عَلَیْكُمْ فَاعْتَدُوْا عَلَیْهِ بِمِثْلِ مَا اعْتَدٰى عَلَیْكُمْ۪ फ़मनेअ तदा अलैकुम फ़अतदू अलैहे बेमिस्ले मअतदा अलैकुम (सूर ए बक़रा, आयत न 194) तो जो तुम पर ज़ियादती करे उस पर उतनी ही ज़ियादती करो जितनी उसने तुम पर ज़ियादती की हो के अनुसार दुशमन से उनके अत्याचार का बराबर बदला ले रहे है। मजमा उलेमा व वाएज़ीन पूर्वांचल की ओर से सभी हौज़ात ए इल्मिया के प्रबंधको, धार्मिक मदरसो और मस्जिदो के जिम्मेदारो, महराब और मिम्बर के खादिमो, उलमा व खुत्बा वाएज़ीन व जा़केरीन और राष्ट्र के बुजर्गो से मोअद्देबाना इलतेमास है कि सुप्रीम लीडर की सलामती और ईरान की पूर्ण विजय के लिए इंफेरादी और सामूहिक रूप से तक़रीर और तहरीर जिस से जिस प्रकार भी संभव हो जमूद और खामोशी को तोड़ कर धार्मिक कर्तव्य समझ कर मुसलसल दुआईया बैठको का आयोजन करें, ईरान पर इज़रायली और अमेरीक अतिक्रमण की खुल कर निंदा करें। और यक़ीन रखे क़ुरआन का वादा सादिक है فَإِنَّ حِزْبَ اللّهِ هُمُ الْغَالِبُونَ फ़इन्ना हिज़्बुल्लाहे होमुल ग़ालेबून। खुदा का लशकर ही ग़ालिब आएगा इंशाल्लाह। फक्त वस सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह व बराकातोह
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना इब्ने हसन अमलोवी (सद्र अल अफ़ाजि़ल, वाइज़)
मजमा उलेमा व वाएज़ीन पूर्वांचल हिंदुस्तान के प्रवक्ता
۲۰؍جون ۲۰۲۵ء
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