हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , एमडब्ल्यूएम गिलगित-बाल्तिस्तान महिला अनुभाग की नेता सायरा इब्राहिम ने कहा कि अमेरिका परमाणु बम से नहीं डरता है, असली डर ईरानी राष्ट्र की सोच और विचार है, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों के पास परमाणु हथियार हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमला अंतरराष्ट्रीय अज्ञानता का परिणाम है। इन हमलों ने क्षेत्र में युद्ध का द्वार खोल दिया है।
यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और वैश्विक स्तर पर संप्रभु राज्य की संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने युद्ध का जो द्वार खोला है, वह अमेरिका और उसके सभी मददगारों का विनाश है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को केवल ईरान की आत्मनिर्भरता से डर लगता है, सम्मान केवल दृढ़ संकल्प, ज्ञान और संयम से आता है, और यही वह सबक है जो ईरान आज दुनिया को सिखा रहा है और अमेरिका और इजरायल को डरा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति 1979 में ईरान में आई थी; यह केवल सरकार का परिवर्तन नहीं था, बल्कि विचार, विचारधारा और मार्ग का परिवर्तन था।
उन्होंने कहा कि ईरान का रुख यह है कि वह विश्व बैंक से ऋण नहीं लेगा, आईएमएफ के सिद्धांतों का पालन नहीं करेगा तथा पश्चिमी शक्तियों के नियंत्रण में नहीं रहेगा।
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