शुक्रवार 27 जून 2025 - 05:25
जन्नत का दरवाज़ा खोलने वाले आंसू

हौज़ा / इमाम सादिक़ (अ) ने एक रोशन हदीस में सय्यदुशशोहदा (अ) पर आंसू बहाने और रुलाने के सवाब के बारे में बयान फ़रमाया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "कामेलुज़ ज़ियारात" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैः

امام صادق علیه‌السلام:

مَن ذَکَرَ الحُسَینَ (علیه‌السلام) عِندَهُ فَبَکی، أو أبکی واحِدًا، وَجَبَت لَهُ الجَنَّةُ، وَ شَفَعَت فیهِ فاطِمَةُ (علیهاالسلام).

इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमायाः

खुशनसीब है वह व्यक्ति जिसके सामने हुसैन (अ) का नाम लिया जाए और वह रोए, या किसी और को रुलाए; उस पर जन्नत वाजिब हो जाती है और हज़रत फ़ातिमा (स) उसकी शफ़ाअत करेंगी।

कामेलुज़ ज़ियारात, पेज 102

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