हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस रिवायत को "कामेलुज़ ज़ियारात" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الإمامُ الصّادقُ عليه السلام
زُورُوا كَرْبَـلا وَ لا تَقْطَـعُوهُ فَإِنَّ خَيْرَ أَوْلادِ اْلأَنْبياءِ ضَمِنَتْهُ ...ـلا وَ لا تَقْطَـعُوهُ فَإِنَّ خَيْرَ أَوْلادِ اْلأَنْبياءِ ضَمِنَتْهُ ...ـعُوهُ فَإِنَّ خَيْرَ أَوْلادِ اْلأَنْبياءِ ضَمِنَتْهُ ...
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
कर्बला की ज़ियारत करो,और इसे तर्क ना करो क्योंकि अंबिया अलैहिस्सलाम के बेहतरीन बेटों को कर्बला ने अपने आगोश में जगह दी हैं।
कामेलुज़ ज़ियारात,पेंज 269