हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रमज़ानी ने इमाम हुसैन अ.स. के मजलिसों की ज्ञानात्मक, राजनीतिक और नैतिक क्षमता पर जोर देते हुए अशूरा को मानव इतिहास का सबसे बड़ा चमत्कार बताया उन्होंने कहा, यूरोप और अमेरिका तक में शोक सभाओं का विस्तार, इस आंदोलन की मानवता पर जीवित प्रभाव का प्रमाण है।
उन्होंने कहा,वैश्विक ताकतों के समर्थन के बावजूद, बाल-हत्यारे इजरायली शासन ने ईरान के प्रहारों को 12 दिन से अधिक सहन नहीं किया।
1386 साल बाद भी, यह घटना दिलों को झकझोरती है। इमाम हुसैन (अ.) एकमात्र व्यक्तित्व हैं जिन्होंने 14 सदियों बाद भी दुनिया के दिलों को बंदी बनाया है आज यूरोप (ब्रिटेन, जर्मनी) से लेकर लैटिन अमेरिका तक शोक सभाएं आयोजित होती हैं।
सीमित समारोह से वैश्विक आंदोलन तक का सफर, इमाम हुसैन (अ.) के संदेश की शक्ति को दर्शाता है।ज़ियारत (दर्शन) दिव्य निकटता प्राप्त करने का मार्ग है।
अरबईन इमाम बाकिर (अ.) के अनुसार, इसका पुण्य 1000 मक़बूल हज, 1000 मंज़ूर उमरा, 1000 बद्र के शहीदों, और 1000 गुलाम की मुक्ति के बराबर है अशूरा वह चमत्कार है जो मनुष्य को ईश्वर से जोड़ता है और उसे उन्नति व मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
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