शुक्रवार 4 जुलाई 2025 - 06:32
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के दफ़्तर में "ईरान ए हुसैन" शीर्षक से एक साहित्यिक सत्र का आयोजन

हौज़ा/ शहीदों की याद और प्रतिरोध की संस्कृति को जीवित रखने के लिए पवित्र शहर क़ुम में "ईरान ए हुसैन" शीर्षक से एक साहित्यिक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रमुख क्रांतिकारी कवियों और साहित्यिक और सांस्कृतिक हस्तियों ने भाग लिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शहीदों की याद और प्रतिरोध की संस्कृति को जीवित रखने के लिए पवित्र शहर क़ोम में "ईरान ए हुसैन" शीर्षक से एक साहित्यिक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रमुख क्रांतिकारी कवियों और साहित्यिक और सांस्कृतिक हस्तियों ने भाग लिया।

इस आध्यात्मिक और साहित्यिक सत्र में कवियों ने आशूरा, प्रतिरोध और देशभक्ति के विषयों पर अपने शब्द प्रस्तुत किए और ईरानी राष्ट्र के दृढ़ संकल्प और विश्वास को काव्यात्मक तरीके से उजागर किया। इस अवसर पर कवियों ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि ज़ायोनी उत्पीड़न और अहंकार के खिलाफ ईरानी राष्ट्र की दृढ़ता और न्यायशास्त्र की संरक्षकता के प्रति वफादारी का संदेश भी दिया।

कवि सैय्यद मोहम्मद बाबामीरी ने ख़ैबर से कुद्स तक चल रही लड़ाई और ईरानी राष्ट्र की दृढ़ता को अपनी कविताओं में वर्णित किया, जबकि अन्य कवियों ने हुसैनी भावना, शहीदों के बलिदान और इमाम ज़माना की विश्व सरकार की स्थापना की आशाओं को व्यक्त किया। कविताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि शहादत दुख नहीं बल्कि अल्लाह की ओर से शुभ समाचार है और ईरानी राष्ट्र को उत्पीड़ितों का समर्थन करने और उत्पीड़कों के खिलाफ़ मोर्चा संभालने का सम्मान है।

इस बैठक में शहीदों के परिवार, छात्र और जनता शामिल हुई। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिरोध और आशूरा संस्कृति को बढ़ावा देना वर्तमान वैश्विक अहंकार के खिलाफ सबसे बड़ी ताकत है। "ईरान ए हुसैन" के इस साहित्यिक सत्र ने साबित कर दिया कि ईरानी राष्ट्र अभी भी उत्साह के साथ उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा है और शहीदों के मार्ग को सम्मान और गर्व का मार्ग मानता है।

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