शुक्रवार 25 जुलाई 2025 - 15:03
अरबईन ए हुसैनी; शिया मत की महान पहचान और इमाम ए ज़माना (अ) के ज़ुहूर होने की नींवः हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सय्यद क़ासिम अली

हौज़ा / अरबईन ए हुसैनी शिया मत की महान पहचान है जैसा कि इमाम हसन अस्करी अ.स. ने शियों की पहचान के लिए कुछ चीज़ें बताई हैं, उनमें से एक ज़ियारत ए अरबईन है अरबईन, इमाम-ए-ज़माना अ.स.के ज़ुहूर होने की नींव है।जब इंसान के अंदर सेवा और वफादारी की भावना जाग जाएगी, तो ग़ैबत का पर्दा हट जाएगा और वक़्त के इमाम हमारे साथ होंगे। इसलिए हमें इसी भावना के तहत अरबईन की पैदल यात्रा में ज़रूर शामिल होना चाहिए, ताकि हम अपने वक़्त के इमाम के ज़ुहूर होने के लिए ज़मीन तैयार कर रहे हों।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अरबईन ए हुसैनी शिया पहचान की महान निशानी और इमाम-ए-ज़माना अ.स.के ज़ुहूर की पृष्ठभूमि हैं

सवाल: हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद क़ासिम अली साहब अरबईन हुसैनी को शिया मत की "महान पहचान" क्यों कहा जाता है? 

जवाब: क्योंकि इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने मोमिन की पांच निशानियां बताई हैं, जिनमें से एक ज़ियारत-ए-अरबईन है। (वसाइल शिया, जिल्द 10)। यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक ईलाही तहरीक है जो कर्बला से शुरू होकर इमाम मेंहदी अ.स. के ज़ुहूर तक जाएगी। 

सवाल:अरबईन का इमाम ए ज़माना अ.स.के ज़ुहूर से क्या संबंध है? 

जवाब: जब इंसान के अंदर खिदमत, वफादारी और कुर्बानी का वही हुसैनी जज़्बा जाग जाएगा, जो कर्बला की बुनियाद है, तो पर्दा-ए-ग़ैबत उठ जाएगा और इमाम-ए-ज़माना अ.स. हमारे साथ होंगे अरबईन की पैदल यात्रा इसी जज़्बे को ताज़ा करती है। 

सवाल:नजफ से कर्बला तक करोड़ों लोगों की पैदल यात्रा क्या संदेश देती है? 

जवाब:यह इमाम हुसैन (अ.स.) से बैअत का प्रतीक है और इमाम मेंहदी (अ.स.) की वैश्विक हुकूमत का प्रारूप भी। जो कौम अरबईन के संदेश को समझेगी, वह ज़ुहूर की तरफ पहला कदम उठाएगी। 

सवाल: आप मोमिनीन को क्या संदेश देना चाहेंगे?

जवाब:अरबईन में शिरकत करें, क्योंकि यह शहादत और इमामत के बीच एक ज़िंदा कड़ी है। हमें इमाम-ए-ज़माना अ.स.के लिए ज़मीनी रस्ता तैयार करना है। 

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