शुक्रवार 25 जुलाई 2025 - 16:50
ग़ज़्ज़ा के लोगो के लिए तत्काल भोजन और दवाइयां पहुंचाई जाए

हौज़ा / आयतुल्लाह शेख़ मोहम्मद याक़ूबी ने गज़्ज़ा के लोगों को भूख और मौत से बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए इराक़ी सरकार और इस्लामी देशों से अपनी मानवीय जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने का आह्वान किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आयतुल्लाह शेख़ मोहम्मद याक़ूबी ने एक बयान में ग़ज़्ज़ा के संघर्षरत लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने की मांग की है। 

बयान का पूरा पाठ इस प्रकार है: 

بِسْمِ الله الرَّحْمَٰنِ الرَّحِیمِ

ग़ज़्ज़ा के लोगों की दर्दनाक भूख और अकाल की स्थिति की तस्वीरें प्रकाशित कर रही हैं जिसका आज ग़ज़्ज़ा सब्र करने वाले और मज़लूम लोग सामना कर रहे हैं। यह तस्वीरें हर दर्द महसूस करने वाले और ज़मीर वाले इंसान का दिल जला देती हैं और यहाँ तक कि सख्त पत्थर को भी ग़म की तीव्रता से नरम कर देती हैं। 

जब मुआविया की सेनाओं ने अनबार शहर पर हमला किया और एक गैर मुस्लिम महिला के गहने लूट लिए, तो अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अ.स. ने दर्द और पीड़ा से भरे दिल के साथ कूफ़ा के मिंबर पर फ़रमाया था,अगर कोई मुसलमान इस घटना (इस्लामी शासन के दौरान एक गैर-मुस्लिम महिला पर हमला) को सुनकर ग़म और दुख से मर जाए तो उसे कोई दोष नहीं दिया जाएगा, बल्कि मेरी नज़र में वह ऐसी मौत का हक़दार है।(नहजुल बलाग़ा) 

तो फिर यह कैसे संभव है कि मोमिनीन इस मानवता को शर्मसार करने वाले संकट पर चुप बैठे रहें? 

हम इराक़ी सरकार से मांग करते हैं कि वह मिस्र के साथ बातचीत करे, ताकि ज़रूरी भोजन और दवा सहायता को ग़ज़ज़ा तक पहुँचाने के लिए रास्ते खोले जा सकें और यह सहायता ग़ज़्ज़ा के लोगों की जान बचा सके। 

इराक़ी राष्ट्र भी अपनी पूरी ताक़त के साथ इन राहत प्रयासों में हिस्सा लेगी और अपने मजबूर फिलिस्तीनी भाइयों की मदद करेगी।और अल्लाह तुम्हारे साथ है और वह तुम्हारे अमल का बदला बर्बाद नहीं करता। (सूर ए मोहम्मद: 35) 

और हर अच्छा काम जो तुम अपने लिए आगे भेजते हो, तुम्हें अल्लाह के पास बेहतर और बड़ा बदला मिलेगा। (सूर ए मुज़म्मिल: 20) 

मोहम्मद याक़ूबी
नजफ अशरफ 
25 मोहर्रम 1447 हिजरी 
21 जुलाई 2025 

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