रविवार 27 जुलाई 2025 - 14:14
अरबईन की यात्रा जीवन में आध्यात्मिक क्रांति लाती है। इमाम ए जुमआ नजफ अशरफ

हौज़ा / इमाम ए जुमआ नजफ अशरफ हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन सैयद सदरुद्दीन क़बानची ने हुसैनिया आज़म फातिमिया में जुमआ के खुत्बे के दौरान कहा कि ज़ियारत-ए-अर्बईन हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इमाम ए जुमआ नजफ अशरफ हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन सैयद सदरुद्दीन क़बानची ने हुसैनिया आज़म फातिमिया में जुमआ के खुत्बे के दौरान कहा कि ज़ियारत-ए-अर्बईन हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है। 

उन्होंने इस महान नेमत पर शिया मुसलमानों, खासकर इराकी मोमिनीन को मुबारकबादी पेश की उन्होंने इमाम सादिक (अ.स.) की एक हदीस का हवाला देते हुए कहा कि फरिश्ते इमाम हुसैन (अ.स.) के जायरीन के चेहरों को अपने हाथों से स्पर्श करते हैं और अल्लाह तआला सुबह-शाम उन पर जन्नत का रिज़्क नाज़िल फरमाता है। उन्होंने मोमिनीन से कहा कि इस सेवा में आगे बढ़ना सौभाग्य की बात है। 

खुत्बे में गाजा की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वहाँ अकाल और नरसंहार जैसी स्थिति बन चुकी है, जहाँ अब तक 124 बच्चे भूख से मर चुके हैं। उन्होंने मिस्र की सरकार से मांग की है की वह राहत मार्ग खोले ताकि फिलिस्तीनी लोगों को बचाया जा सके। 

इराकी स्थिति पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने बास पार्टी के प्रचारकों को गिरफ्तार किया है, जिसके लिए उन्होंने सुरक्षा बलों का आभार व्यक्त किया। 

उन्होंने जल संकट पर गहरी चिंता जताते हुए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की। साथ ही, उन्होंने कहा कि दीन में स्थिरता मानवीय विकास की आधारशिला है, और बिना विलायत और दीन के इंसान सिर्फ़ फसाद और खूनरिजी का शिकार होगा। 

अंत में, उन्होंने बास सरकार द्वारा हुसैनी संस्कृति को दबाने वाले गोपनीय दस्तावेज़ों का हवाला देते हुए हुसैन (अ.स.) के दुश्मनों के चेहरों को बेनकाब किया।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha