मंगलवार 29 जुलाई 2025 - 13:01
मृत्यु के बाद माता-पिता के प्रति नेकी का असर

हौज़ा/ इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक रिवायत में चेतावनी दी है कि माता-पिता के प्रति नेकी केवल उनके जीवनकाल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी संभव है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "उसुल अल-काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الباقر علیه السلام:

إنّ العَبدَ لَيكونُ بارّا بِوالِدَيهِ في حياتِهِما، ثُمّ يَموتانِ فلا يَقضي عَنهُما دُيونَهُما ولا يَستَغفِرُ لَهُما، فيَكتُبُهُ اللّه‏ُ عاقّا. وإنّهُ لَيكونُ عاقّا لَهُما في حياتِهِما غَيرَ بارٍّ بهِما، فإذا ماتا قَضى دَينَهُما واستَغفَرَ لَهُما، فيَكتُبُهُ اللّه‏ُ عزوجل بارّا.

इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:

हो सकता है कि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता के जीवनकाल में उनके साथ अच्छा व्यवहार करे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद, उनके कर्ज़ न चुकाने और उनके लिए क्षमा न माँगने के कारण, अल्लाह उसे अपने माता-पिता का अवज्ञाकारी समझे। यह भी संभव है कि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता के जीवनकाल में उनकी अवज्ञा करे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद, वह उनके कर्ज़ चुका दे और उनके लिए क्षमा माँग ले, और अल्लाह उसे अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला समझे।

उसुल अल-काफ़ी, भाग 2, पेज 163

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