हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जाफ़रिया सुप्रीम काउंसल के चेयरमैन सय्यद जव्वार हुसैन नक़वी ने यमन पर इज़राइल के हवाई हमलों, खासकर यमन की सेना प्रमुख जनरल मुहम्मद अब्दुल करीम अल-गमारी पर दूसरी हत्या की कोशिश की सख्त निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन बताया।
उन्होंने दुनिया के देशों और खासकर अरब नेताओं से आग्रह किया कि वे इज़राइल के अत्याचारों के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ें, नहीं तो यह पूरे इलाके में शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बनेगा।
उन्होंने यमन, लेबनान और सीरिया में इज़राइली हमलों की ओर इशारा करते हुए यमन के अंसारुल्लाह समूह के नेतृत्व और उनके लड़ाकों के हौसले और संघर्ष की तारीफ की।
सय्यद जव्वार हुसैन नकवी ने अंसारुल्लाह द्वारा ग़ज़्ज़ा के लोगों को दिए जा रहे समर्थन की सराहना की और कहा कि इज़राइल और उसके साथी देश जैसे अमेरिका और अन्य पश्चिमी ताकतें इस हौसले और संघर्ष के आगे फेल हो रहे हैं।
चेयरमैन ने कहा कि इज़रइयल की "ग्रेटर इज़राइल" योजना के तहत जॉर्डन, सीरिया, लेबनान, मिस्र, सऊदी इलाके, इराक के बड़े हिस्से और तुर्की के कुछ इलाकों पर क़ब्ज़ा करने की योजना दुनिया की शांति के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इससे पूरे इलाके में भविष्य में बड़ी तबाही और अशांति फैल सकती है।
उन्होंने दुनिया के देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार संगठनों से आग्रह किया कि वे इज़राइल के अत्याचारों के खिलाफ तुरंत कदम उठाएं और हमले रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करें।
उन्होंने साफ कहा कि यमन के नेतृत्व और लोगों का संघर्ष न सिर्फ इज़राइल के अत्याचारों को नाकाम कर रहा है, बल्कि भविष्य में इज़राइल और उसके साथियों की हार की भी खबर दे रहा है। यह पूरे इस्लामिक दुनिया के लिए हौसला, संघर्ष और कुर्बानी की एक बेहतरीन मिसाल है।
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