۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
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हौज़ा / जामेआतुल मुस्तफा के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने इराकी कुर्दिस्तान के सुन्नी उलेमा से मुलाकात के दौरान कहा कि इसराइल के अत्याचारों में पश्चिमी ताकतें भी शामिल हैं उन्होंने फिलिस्तीन और लेबनान में इसराइल के अपराधों पर वैश्विक चुप्पी की निंदा की और मुसलमानों की शैक्षणिक और आपसी विभाजन को उम्मत ए इस्लामीया की कमज़ोरी का कारण बताया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, जामेआतुल मुस्तफा के प्रमुख,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने इराकी कुर्दिस्तान के सुन्नी उलेमा से मुलाकात के दौरान कहा कि इसराइल के अत्याचारों में पश्चिमी ताकतें भी शामिल हैं

उन्होंने फिलिस्तीन और लेबनान में इसराइल के अपराधों पर वैश्विक चुप्पी की निंदा की और मुसलमानों की शैक्षणिक और आपसी विभाजन को उम्मत ए इस्लामीया की कमज़ोरी का कारण बताया हैं।

उन्होंने कहा इजरायल शासन के अपराध केवल पिछले एक साल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पिछले 75 सालों से जारी हैं।

उन्होंने इस्लामी दुनिया में आपसी विभाजन और शैक्षणिक पिछड़ेपन को मुसलमानों की कमजोरी का कारण बताया और उपनिवेशवाद की साजिशों का इतिहास बयान किया। उन्होंने आगे कहा कि ज़ायोनी शासन पश्चिमी ताकतों की इस्लाम के खिलाफ एक साज़िश है।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्बासी ने अपनी बातचीत में, इसराइल के अपराधों पर वैश्विक समुदाय की चुप्पी की निंदा की और कहा कि इसराइल का गठन पश्चिमी शक्तियों की एक साज़िश थी ताकि मुसलमानों को कमजोर किया जा सके।

उन्होंने फिलिस्तीनी जनता के समर्थन और पश्चिमी साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष के महत्व को भी उजागर किया अब्बासी ने कहा कि इसराइल के अपराधों के पीछे 75 साल का लंबा इतिहास है और अरब देशों की कोशिशें पश्चिमी ताकतों के समर्थन के कारण नाकाम हुई हैं।

उन्होंने पश्चिमी देशों को इसराइल के अपराधों में साझेदार ठहराया और कहा कि वैश्विक समुदाय की चुप्पी ने इन अपराधों को और बढ़ावा दिया है। इसी कारण इसराइल की हिम्मत बढ़ी है और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों के समर्थन की वजह से आज इसराइल पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है।

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