हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ईरान के हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा अराफी ने ज़ोर देकर कहा है कि फैमिली काउंसलिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो पारिवारिक व्यवस्था को मजबूत और समाज को स्थिर बना सकता है। इस क्षेत्र को इस्लामी शिक्षाओं की रोशनी में आधुनिक वैश्विक मॉडलों के साथ तालमेल बिठाते हुए विकसित किया जाना चाहिए।
यह बात उन्होंने क़ुम में अदालत (न्यायपालिका) के वकीलों, विशेषज्ञों और परिवार परामर्शदाताओं के केंद्र के प्रमुख और सहायकों से मुलाकात में कही। इस अवसर पर उन्होंने इमाम जमाना अ.स. की इमामत की शुरुआत की बधाई दी और न्यायपालिका के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आयतुल्लाह अराफी ने कहा कि वकीलों और परामर्शदाताओं का काम फ़िक़्ह (इस्लामी न्यायशास्त्र) और शरीयत (इस्लामी कानून) से जुड़ा हुआ है, और यदि इसमें नैतिक और आस्थागित दृढ़ता शामिल हो तो इसके परिणाम कई गुना बढ़ जाते हैं। उनका कहना था कि एक न्यायाधीश और वकील को दबाव और चुनौतियों का सामना करने में दृढ़ रहना चाहिए और इसके लिए उन्हें बौद्धिक और नैतिक रूप से खुद को बेहतर बनाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि आज के दौर में न्यायपालिका को आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस करना अनिवार्य है, क्योंकि इससे जनता के भरोसे में वृद्धि होगी और समस्याओं के समाधान की गति भी बढ़ेगी।
आयतुल्लाह अराफी ने परिवार परामर्श को सामाजिक स्थिरता की कुंजी बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार इस्लामी आधारों पर आगे बढ़ाया जाए। साथ ही, उन्होंने न्यायपालिका द्वारा जनता के अधिकारों की सुरक्षा के उपायों की सराहना की जिसके कारण बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को रोकना संभव हुआ और जनता का भरोसा बहाल हुआ।
बैठक के अंत में हौज़ा ए इल्मिया और वकीलों के केंद्र और परिवार परामर्शदाताओं के बीच एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
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