गुरुवार 11 सितंबर 2025 - 12:54
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व. का नैतिक चरित्र, उम्मात ए इस्लामी की एकता की कुंजी है

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम मोवज़नी ने कहा, पैगंबर की प्रमुख विशेषता जो आज एकता के लिए एक मॉडल बन गई, वह थी उनका अच्छा चरित्र। अल्लाह के रसूल स.अ.व.ने अपने प्रचार की शुरुआत अच्छे चरित्र से की और इसी उच्च चरित्र में ऐसा आकर्षण था जो दोस्त और दुश्मन दोनों को उनकी ओर आकर्षित करता था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम मोवज़नी ने कहा, पैगंबर की प्रमुख विशेषता जो आज एकता के लिए एक मॉडल बन गई, वह थी उनका अच्छा चरित्र। अल्लाह के रसूल स.अ.व.ने अपने प्रचार की शुरुआत अच्छे चरित्र से की और इसी उच्च चरित्र में ऐसा आकर्षण था जो दोस्त और दुश्मन दोनों को उनकी ओर आकर्षित करता था।

उन्होंने इस्फहान में एक संवाद में पैगंबर के जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि पैगंबर ने ऐसा दीन दिया जो इंसानों की फितरत को जाग्रत करता है। इस धर्म को सुनकर सभी कबीले समझ गए कि यह धर्म उनकी असली मानव प्रकृति से मेल खाता है। इसलिए सभी लोग पैगंबर के नेतृत्व में एकजुट हो गए, क्योंकि इंसानों की फितरत समान होती है, चाहे वे अलग-अलग कबीले या विचारों से हों।

उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर (स.ल.व.) की सबसे बड़ी विशेषता उनका अच्छा स्वभाव था, जिसने उन्हें एक मजबूत एकता का उदाहरण बना दिया। उन्होंने मानवता और संवेदना की बात की, जिससे जातीय और राष्ट्रीय भेदभाव खत्म हो सके। पैगंबर का नेक स्वभाव इतना आकर्षक था कि हर तरह के लोग उनसे जुड़े।

हफ्ता-ए-वहदत (एकता सप्ताह) इस्लामी मजहबों के बीच समानताओं को बढ़ावा देता है, जिससे मतभेद कम नजर आते हैं। अगर सच में सभी मजहब एकजुट हो जाएं तो शत्रु इस्लामी देशों को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने देशों के बीच सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि जब इस्लामी देश अपने राजनैतिक स्तर पर संपर्क बढ़ाएंगे, तो सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छे नतीजे सामने आएंगे। इसके लिए विभिन्न मजहबों के धर्मगुरुओं का एक-दूसरे से मिलना-जुलना बहुत जरूरी है ताकि वे सरकारों को सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग के लिए प्रेरित कर सकें।

धार्मिक विशेषज्ञ ने कहा कि हर मजहब में कुछ कट्टरपंथी समूह होते हैं, जिनसे सावधान रहना चाहिए और उनका मुकाबला करना ज़रूरी है। इस काम में धर्मगुरुओं और मीडिया की बड़ी भूमिका होती है।

अंत में उन्होंने कहा कि शैतान की साजिशों से बचने के लिए इस्लामी समुदाय को मीडिया के ज़रिए एकता बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। यह तभी संभव होगा जब सरकारें एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें। सरकारों के साथ-साथ धर्मगुरुओं को भी मिलकर बड़े स्तर पर बैठकें करनी चाहिए ताकि इस्लाम के बीच एकता के रास्ते खोजे और फैलाए जा सकें।

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