हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अंतर्राष्ट्रीय सहायता काफिला, जिसका नाम 'ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला' है, गाजा की नाकेबंदी तोड़कर वहां जरूरी सामान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है काफिले के सदस्यों का कहना है कि वे अगले छह दिनों में गाजा पहुंच जाएंगे।
इज़रायल की धमकियां:
इजरायली सरकार ने इस काफिले को सख्ती से रोकने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि काफिले को गाज़ा के तटों पर लंगर डालने की इजाजत नहीं होगी और उसे इजरायल की अश्केलोन बंदरगाह पर जाने का आदेश दिया है।
काफिले का रुख:
काफिले के सदस्यों, जैसे स्वयंसेवक ग्रेटा थनबर्ग, का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ गाज़ा में मानवीय हमदर्दी के आधार पर सहायता पहुंचाना है। उनका कहना है कि इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय जल में किसी भी जहाज को रोकने का हक नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अकाल जैसी स्थिति है, जिसकी वजह से सहायता पहुंचाना बेहद जरूरी हो गया है।
ड्रोन से परेशानी:
काफिले ने बताया है कि उनकी नावों के ऊपर इजरायली ड्रोन चक्कर काट रहे हैं, जिसे वे एक तरह की धमकी और परेशानी मान रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन:
यूनानी नौ सेना का बेड़ा भी जल्द ही इस मिशन में शामिल हो रहा है। पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर मुश्ताक अहमद खान भी इस सहायता अभियान का हिस्सा बनने के लिए ट्यूनीशिया में मौजूद हैं।
गाज़ा में अकाल जैसी स्थिति को देखते हुए मानवीय सहायता ले जाने वाला यह समुद्री काफिला इजरायल की तमाम धमकियों के बावजूद अपना सफर जारी रखे हुए है।
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