मंगलवार 30 सितंबर 2025 - 07:43
मरहूमा ने अपनी ज़िन्दगी को दीन की ख़िदमत और बन्दगी के आला मक़ासिद के लिए वक़्फ़ कर दिया। मौलाना सय्यद अशरफ़ अलग़रवी

हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी दाम ज़िल्लुह की अहलिया मरहूमा के इंतेक़ाल पर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सय्यद अशरफ़ अली अल-ग़रवी, वकील आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी ने ता'ज़ीयती पैग़ाम जारी किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाहिल-उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी दाम ज़िल्लुह की अहलिया मरहूमा के इंतेक़ाल पर हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन मौलाना सय्यद अशरफ़ अली अल-ग़रवी, वकील आयतुल्लाहिल-उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी ने मुंदर्जा ज़ैल ता'ज़ीयती पैग़ाम जारी किया।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन

मोमिनीन-ए-केराम! इंतिहाई अफ़सोस और गहरे ग़म के साथ ये इत्तिला मौसूल हुई है कि मरजा-ए-आला, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी (दाम ज़िल्लहुल-वारिफ़) की ज़ौजा-ए-मोहतरमा, और हमारे मोहतरम असातिज़ा आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद रज़ा सीस्तानी और आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद बाक़िर सीस्तानी (दामत बरकातुहुम) की वालिदा, इस दुनिया-ए-फ़ानी से रुख़्सत हो गईं।

मरहूमा एक साबिरा, बा-ईमान और पाक दिल ख़ातून थीं, जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी को दीन की ख़िदमत और बन्दगी के आला मक़ासिद के लिये वक़्फ़ कर दिया। उनका जाना दिलों में गहरे ज़ख़्म की तरह है और उनका फ़ुक़दान हर मोमिन के लिये नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त ग़म है।

इस ग़म ओ अंदोह के मौक़े पर हम हज़रत इमाम-ए-ज़माना अलेहिस्सलाम (अज्जलल्लाहु फ़रजहुश्शरीफ़), मरजा-ए-आला, असातिज़ा-ए-एज़ाम और तमाम मोमिनीन-ए-कराम के हुज़ूर तसलियत ओ ता'ज़ियत (पुर्सा) पेश करते हैं।

हम दुआगो हैं कि:ऐ अल्लाह! मरहूमा व मग़फूरा को अपनी बेपनाह रहमत में जगह दे।उन्हें हज़रत फ़ातिमा ज़हरा अलैहस्सलाम के जवार में बुलन्द दर्ज़ात अता कर।अहले ख़ाना को सब्र ओ इस्तेक़ामत अता फ़रमा।उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता कर और उनके घर को सुकून ओ रहमत से पुर कर दे।

अल्लाहुम्मजअल्हा म'अ मुहम्मदिव व आलि मुहम्मद (सल्लवातुक अलैहिम अजमईन) वग़फ़िर लहा वरहम्हा।

वला हौल वला क़ुव्वत इल्ला बिल्लाहिल अलीय्यिल अज़ीम

सय्यद अशरफ़ अली अल-ग़रवी

6 रबीउस्सानी 1447

मरहूमा ने अपनी ज़िन्दगी को दीन की ख़िदमत और बन्दगी के आला मक़ासिद के लिए वक़्फ़ कर दिया। मौलाना सय्यद अशरफ़ अलग़रवी

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