हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, दफतरे नुमायंदगी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० लखनऊ के मुताबिक़ अल्लामा शेख़ अली मोहसिन नजफी के इंतेक़ाल पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० के नुमायंदे मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने बयान जारी करते हुए गहरे रंज व ग़म का इज़हार किया और उनकr ख़िदमात को याद किया!
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
दफतरे नुमायंदगी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० लखनऊ के मुताबिक़ अल्लामा शेख़ अली मोहसिन नजफी के इंतेक़ाल पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० के नुमायंदे मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने बयान जारी करते हुए गहरे रंज व ग़म का इज़हार किया और उनके ख़ेदमात को याद किया!
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
जब किसी आलिम (दीन) का इंतेक़ाल होता है तो इस्लाम में ऐसा शिगाफ पड़ता है जिसकी भरपाई रोज़े क़यामत तक नहीं हो सकती!
(इमाम जाफर सादिक अ०स०)
इन्तेहाई अफसोस नाक ख़बर मौसूल हुई कि बर्रे सग़ीर की अज़ीम दीनी इल्मी तालीमी सक़ाफती फलाही और क़ौमी शख्सियत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अल्लामा शेख अली मोहसिन नजफी र०अ० ने रेहलत फ़रमाई!
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजि'ऊन
आप इन्तेहाई अहमियत के हामिल आलीम मुअल्लिम मुरब्बी थे। कसरत से तुल्लाब व अफाज़िल की परवरिश की, नौजवानों की तालीम व तरबियत में आप ने नुमायां कोशिशें कीं, तब्लीग़े दीन और तालीम क़ुरआन व अहलेबैत अ०स० के सिलसिले में आप के खिदमात नाक़ाबिले फरामोश हैं!
आपके ख़िदमात सिर्फ मदरसे में दर्स व तदरीस तक महदूद नहीं थे बल्कि अपने वतन में तालीमी, तब्लीग़ी, सक़ाफती मराकिज़ के क़ेयाम समेत मुख़्तलिफ शोबों में अहेम किरदार अदा किया!
आप के तमाम ख़िदमात आप के बाक़ेयातुस्सालेहात और ज़ादे आख़ेरत में शामिल हैं!
हम इस अज़ीम मुसीबत पर हज़रत वली अस्र इमाम ज़माना अ०ज०, उल्मा ए आलाम, आयाते एज़ाम, मराजे केराम ख़ुसूसन मरजा ए आला ए दीनी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि०, हौज़ाते इल्मिया, मदारिसे दीनिया और आप के पसमंदगान, वाबसतगान, शागिर्दान, अक़ीदतमंदान ख़ास तौर से सोगवार ख़ानवादे की ख़िदमत में ताज़ियत व तसलियत पेश करते हैं!
नसअलुल्लाहु तआला अयं यतग़म्मदहु बिरहमतिहिल वासियह व युसकिनुहु फसीह जन्नातिह व अयं यहशुरुहु मअल अइम्मतित्ताहिरीन व अयं युलहेमकुम अस्सब्र वस्सिलवान व यनज़िल अलैकुम अस्सकीनह व हुस्नल अज़ा
सैयद अशरफ अली अल ग़रवी