आयतुल्लाह सिस्तानी
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शरई अहकामः
क्या गोद लिए गए बच्चे को विरासत मिलेगी?
हौज़ा / आयतुल्लाह सिस्तानी ने गोद लिए बच्चो को विरासत मिलने से संबंधित पुछे गए सवाल का जवाब दिया है ।
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शरई अहकामः
वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों में तजवीद के नियम
हौज़ा / "वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों में तजवीद के नियम" के बारे में एक प्रश्न पर हज़रत आयतुल्लाह सिस्तानी ने उत्रर दिया है।
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आयतुल्लाह सिस्तानी के साथ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि की बैठक; गाजा और लेबनान में संकट रोकने में नाकामी पर अफसोस जताया
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने आज नजफ अशरफ में अपने मुख्यालय में इराक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रतिनिधि और इराक में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमआई) के प्रमुख डॉ. मुहम्मद अल-हसन और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
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आयतुल्लाहिल उज्मा मकारेम शिराज़ी:
हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ दो बार जीत सकता है / हम प्रतिरोध मोर्चे का समर्थन करते हैं
हौज़ा /आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराज़ी ने कहा: आशा है कि अनुयायी, विद्वान और विचारक प्रतिरोध मोर्चे को मजबूत करने में अपनी पूरी भूमिका निभाएंगे और इस अवसर पर बहादुरी से अपनी स्थिति व्यक्त करेंगे, साथ ही न केवल व्यक्त करके सहानुभूति पैदा करने का प्रयास करेंगे प्रतिरोध के मुजाहिदीन में साहस और दृढ़ संकल्प और मैदान खाली न छोड़ें।
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ज़ालिमों के खिलाफ आवाज़: आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी का मार्गदर्शन
हौज़ा / आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी की शख्सियत न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा है। उनकी शिक्षाएं ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती हैं। जब दुनिया देख रही है कि ज़ालिमों ने किस तरह से निर्दोषों का खून बहाया है, तब हमें चाहिए कि हम एकजुट होकर ज़ालिमों को कड़ा संदेश दें: हम खामोश नहीं बैठेंगे।
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लेबनान और हिज़्बुल्लाह की मदद के लिए खुम्स के इस्तेमाल के बारे में मराज ए तक़लीद की राय
हौज़ा / हज़रत आयात ऐज़ाम खामेनेई, सिस्तानी, शुबैरी, मकारिम शिराज़ी और नूरी हमदानी ने लेबनान और हिज़्बुल्लाह के शियाो की मदद के लिए खुम्स के उपयोग के बारे में अपनी राय व्यक्त की।
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लेबनान में इजरायली आक्रमण के खिलाफ आयतुल्लाह सिस्तानी के कार्यालय का बयान
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली होसैनी सिस्तानी के कार्यालय ने इजरायली आक्रामकता के खिलाफ एक बयान जारी किया है, जिसमें लेबनानी लोगों के खिलाफ किए गए अत्याचारों की कड़ी निंदा की गई है। बयान में दक्षिण लेबनान और बेका क्षेत्रों में नागरिक आबादी, महिलाओं और बच्चों पर चल रही बमबारी और लक्ष्यीकरण पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। मार्जीत ने लेबनानी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की है, शहीदों के लिए प्रार्थना की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
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शरई अहकामः
महिलाओं की आवाज़
हौज़ा/ यदि कोई महिला नमाज़ में अपनी आवाज़ बुलंद करती है जबकि कोई गैर-महरम सुन रहा है और उसकी आवाज़ सुंदर और आकर्षक है, तो क्या उस स्थिति में उसकी नमाज़ बातिल होगी?
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी का आयतुल्लाहिल उज़्मा शुबैरी ज़ंजानी को शोक संदेश
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली सिस्तानी ने आयतुल्लाहिल उज्मा शुबैरी ज़ंजानी को संबोधित एक संदेश में उनकी पत्नी की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त की।
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शरई अहकामः
क्या मजलिस मे मरसिया और नौहा पढ़ रही औरत के लिए यह जायज़ है कि वह अपनी आवाज़ किसी ग़ैर मर्द को सुनाए? और क्या किसी पुरुष के लिए इसे सुनना जायज़ है?
हौज़ा / यदि आवाज़ में सूक्ष्मता, सुंदरता, संरचना और उत्तेजना नहीं है, तो एक महिला के लिए अपनी आवाज़ सुनाना जायज़ है, हालांकि, एक पुरुष के लिए उसकी आवाज़ सुनना जायज़ है जब वह कामुक नहीं हो
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सिस्तानी ने ओमान में होने वाले आतंकी हमले की सख्त शब्दों में निंदा की है
हौज़ा / शिया मरजय तकलीद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने ओमान में होने वाले आतंकी हमले की सख्त शब्दों में निंदा की हैं।
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शरई अहकाम:
जब किसी पर हज वाजिब हो और वह इसे अंजाम देने में सस्ती और ताखिर से काम ले यहां तक की इसकी इस्तेताअत खत्म हो जाए तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / उस सूरत में जिस तरह से भी मुमकिन हो,हज को आदा करना वाजिब हैं, चाहे मशक्कत और ज़हमत बर्दाश्त करना पड़े, अगर हज से पहले मर जाए तो वाजिब है कि उसके बाचे माल से हज कि कज़ा करें। और अगर कोई इसकी कज़ा मरने के बाद बगैर( उजरत) फ्री में इसकी तरफ से हज अंजाम दे तो भी सही हैं।
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नई पीढ़ी को आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा और प्रशिक्षण भी प्राप्त करना चाहिए, मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / प्रयाग राज इलाहाबाद हिंदुस्तान मदरसा कुरान और इतरत, क़दम रसूल चकिया कर्बला इलाहाबाद, इमाम अली रज़ा (अ) की शहादत की पूर्व संध्या के अवसर पर यूनिटी पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज, केरेली में एक शोक सभा आयोजित की गई।
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विद्वानों और शहीदों के सम्मान में अहंकार बिल्कुल अस्वीकार्य है: मौलाना अली हैदर फरिश्ता
हौज़ा/ उन्होंने कहा: शैताने बुज़र्ग के एजेंट ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रकाशित किया है जिसमें सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई और मरजा तकलीद शिया जहांन आयतुल्लाह सिस्तानी की महिमा में बहुत अपमानजनक बाते कही है आपसे अनुरोध है कि विद्वानों और शहीदों के सम्मान में उनका कोई भी वीडियो और बयान सोशल मीडिया पर साझा न करें।
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शरई अहकाम:
जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रख ले और बाद में उसे पता चले कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक था तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रखले और मग़रिब के बाद इसे पता चले की रोज़ा रखना उसके लिए ऐसा हानिकारक था कि जिसकी परवाह की जाती तो( एहतेयात ए लाज़िम) की बिना पर उस रोज़े की कज़ा करना ज़रूरी है।
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शरई अहकाम:
मोमिन का खुद अपने को ज़लील करना शरीयत की निगाह मे कैसा है?
हौज़ा / मोमिन का खुद अपने को ज़लील करना हराम है, उदाहरण के तौर पर वह ऐसा कपड़ा पहने जो उसे लोगों की नज़र में बदनुमा और बदसूरत ज़ाहिर करे।
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शरई अहकाम:
गाना गाना या कुरआन और दुआ को गाने की तरह पढ़ने का क्या हुक्म है?
हौज़ा / गाना यानी वह धुन और लहन जो बदकार लोगों की महफिलो से मखसूस हो जैसे गाना या संगीत वगैरा शरीयत मे हराम है और इसी तरह कुरान या दुआ को गाने बजाने के अंदाज में पढ़ना भी हराम है।
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शरई अहकाम:
नापतोल में कमी करना क्या शरीयत में हराम हैं?
हौज़ा / तराज़ू या नापने वाले पैमाने के माध्यम से कमी करना हराम है या इस जैसी चीज़ों मे हक़ मारना जैसे कि वजन या फीता वगैरा से मिक़्दार नापते हुए पूरा हक़ अदा न करना हराम हैं।
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कर्बला में 17वें अंतर्राष्ट्रीय बहारे शहादत कल्चर फ़ैस्टिवल मे वेटिकन प्रतिनिधि की भागीदारी के अवसर पर;
हमे एकजुट होकर दुनिया को प्यार और दोस्ती का संदेश देना चाहिए
हौज़ा / कर्बला में वेटिकन के प्रतिनिधि ने कहा: आज दुनिया विभाजित है और विभिन्न कष्टों से पीड़ित है। हमे एकजुट होना चाहिए ताकि हम दुनिया को दोस्ती और प्यार का संदेश दे सके।
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शरई अहकाम:
शरीयत की नज़र में ब्याज खाने का क्या हुक्म है?
हौज़ा/ ब्याज खाना चाहे लेनदेन मे हो,या क़र्ज मे हो हराम हैं, और जिस तरह ब्याज खाना हराम है इसी तरह ब्याज लेना ब्याज देना और ब्याज पर आधारित मामले का जारी करना भी हराम है बल्कि ऐसे मामले को लिखना या इस पर गवाह बनाना भी हराम हैं।
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शरई अहकाम:
किसी मुसलमान को कत्ल करने या उस पर ज़ुल्म करने का क्या हुक्म हैं?
हौज़ा/किसी मुसलमान का कत्ल करना हराम है बल्कि वह काफिर जिसकी जान की हिफाज़त मुसलमान मुल्क में वाजिब हो उसको भी कत्ल करना हराम है और यहां तक की जुल्मों सितम करना भी कत्ल ही की तरह हैं,
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शरई अहकाम:
यदि किसी के पश्चिमी देशों में प्रवास से उसके बच्चों के दीन व ईमान को खतरा हो तो क्या ऐसी सूरत में वहां हिजरत करना हराम हैं।
हौज़ा/हां,अगर इसे या इसके बच्चों के दीन व ईमान को खतरा हो तो हराम हैं।
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शरई अहकाम:
क्या पिता से मिलने वाली विरासत पर ख़ुम्स वाजिब है?
हौज़ा | अगर बेटे को मालूम हो कि बाप ने उसका ख़ुम्स नहीं निकाला है और इसी तरह उस माल पर ख़ुम्स वाजिब न हो मगर उसे मालूम हो कि पिता पर ख़ुम्स बाकी है तो उसके माल से ख़ुम्स देगा।
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शरई अहकाम:
जुमे के ग़ुस्ल का समय कब से कब तक रहता है?
हौज़ा | जुमे के ग़ुस्ल का समय सुबह से लेकर सूर्यास्त तक है, लेकिन ज़ोहर के पास करना बेहतर है, और अगर ज़ोहर के बाद किया जाता है, तो क़ज़ा करने का इरादा न रखें, और अगर जुमे को नहीं किया जाता है, तो क़ज़ा करना चाहिए। इसे शनिवार से सूर्यास्त तक क़ज़ा की नियत से किया जा सकता है।
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शरई अहकाम:
इंसान का अपने दोस्त से यह तय करना कि टेबल टेनिस में जो जीतेगा वह एक दूसरे को कोल्ड ड्रिंक पिलायेगा यह काम किस नियत के साथ हलाल हो सकता है?
हौज़ा/अगर शर्त बंदी की सूरत में ना हो तो जायज़ और हलाल हैं।
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शरई अहकाम:
क्या बच्चे के हकीक़ा का गोश्त उसके वालदैन खा सकते हैं?
हौज़ा/बाप और जो लोग उसके यहां खाना खाते हैं उनके लिए हकीक़े का गोश्त खाना मकरूह है खास तौर से एहतियाते मुस्तहाब है की बच्चे की माँ गोश्त को न खाए।
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शरई अहकाम:
क्या सदके का पैसा निकाल कर डब्बे में रखना काफी है?
हौज़ा/अगर इंसान अपने सदके को किसी डब्बे वगैरह में जमा करें तो ऐसा करने से माल इसकी मिल्कियत से खारिज नहीं होगा हां अगर कोई ऐसी संदूक हो जो आम लोगों के लिए.....
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हमास के वरिष्ठ नेता:
आयतुल्लाह सिस्तानी का रुख फिलिस्तीनी लोगों के विरोध के अधिकार का समर्थन करता है और उस पर जोर देता है
हौज़ा / फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा: आयतुल्लाह सिस्तानी का रुख फिलिस्तीनी लोगों के विरोध करने के अधिकार का समर्थन करता है और उस पर जोर देता है।
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इस्लाम में मेयार अहल होना है: मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने इमाम हसन अ०स० के फज़ायेल बयान करते हुए फरमाया: इमाम हसन अ०स० गुलिस्ताने रिसालत के पहले फूल हैं, नीज़ सुल्ह का तफसील से ज़िक्र किया!
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शरई अहकामः
कुछ वीडियो सीडी हैं जिनमें कुछ युवक बिना शर्ट के अज़ादारी रहे हैं, तो क्या महिलाओं के लिए ऐसे वीडियो देखना जायज़ है?
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मीया नजफ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने ऐसी वीडीयो जिनमे पुरूष कपड़े उतार कर अजादारी कर रहे है क्या उन वीडीयो का महिलाओ द्वारा देखने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।