आयतुल्लाह सिस्तानी
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शरई अहकाम:
जब किसी पर हज वाजिब हो और वह इसे अंजाम देने में सस्ती और ताखिर से काम ले यहां तक की इसकी इस्तेताअत खत्म हो जाए तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / उस सूरत में जिस तरह से भी मुमकिन हो,हज को आदा करना वाजिब हैं, चाहे मशक्कत और ज़हमत बर्दाश्त करना पड़े, अगर हज से पहले मर जाए तो वाजिब है कि उसके बाचे माल से हज कि कज़ा करें। और अगर कोई इसकी कज़ा मरने के बाद बगैर( उजरत) फ्री में इसकी तरफ से हज अंजाम दे तो भी सही हैं।
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नई पीढ़ी को आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा और प्रशिक्षण भी प्राप्त करना चाहिए, मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / प्रयाग राज इलाहाबाद हिंदुस्तान मदरसा कुरान और इतरत, क़दम रसूल चकिया कर्बला इलाहाबाद, इमाम अली रज़ा (अ) की शहादत की पूर्व संध्या के अवसर पर यूनिटी पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज, केरेली में एक शोक सभा आयोजित की गई।
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विद्वानों और शहीदों के सम्मान में अहंकार बिल्कुल अस्वीकार्य है: मौलाना अली हैदर फरिश्ता
हौज़ा/ उन्होंने कहा: शैताने बुज़र्ग के एजेंट ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रकाशित किया है जिसमें सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई और मरजा तकलीद शिया जहांन आयतुल्लाह सिस्तानी की महिमा में बहुत अपमानजनक बाते कही है आपसे अनुरोध है कि विद्वानों और शहीदों के सम्मान में उनका कोई भी वीडियो और बयान सोशल मीडिया पर साझा न करें।
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शरई अहकाम:
जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रख ले और बाद में उसे पता चले कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक था तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रखले और मग़रिब के बाद इसे पता चले की रोज़ा रखना उसके लिए ऐसा हानिकारक था कि जिसकी परवाह की जाती तो( एहतेयात ए लाज़िम) की बिना पर उस रोज़े की कज़ा करना ज़रूरी है।
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शरई अहकाम:
मोमिन का खुद अपने को ज़लील करना शरीयत की निगाह मे कैसा है?
हौज़ा / मोमिन का खुद अपने को ज़लील करना हराम है, उदाहरण के तौर पर वह ऐसा कपड़ा पहने जो उसे लोगों की नज़र में बदनुमा और बदसूरत ज़ाहिर करे।
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शरई अहकाम:
गाना गाना या कुरआन और दुआ को गाने की तरह पढ़ने का क्या हुक्म है?
हौज़ा / गाना यानी वह धुन और लहन जो बदकार लोगों की महफिलो से मखसूस हो जैसे गाना या संगीत वगैरा शरीयत मे हराम है और इसी तरह कुरान या दुआ को गाने बजाने के अंदाज में पढ़ना भी हराम है।
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शरई अहकाम:
नापतोल में कमी करना क्या शरीयत में हराम हैं?
हौज़ा / तराज़ू या नापने वाले पैमाने के माध्यम से कमी करना हराम है या इस जैसी चीज़ों मे हक़ मारना जैसे कि वजन या फीता वगैरा से मिक़्दार नापते हुए पूरा हक़ अदा न करना हराम हैं।
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कर्बला में 17वें अंतर्राष्ट्रीय बहारे शहादत कल्चर फ़ैस्टिवल मे वेटिकन प्रतिनिधि की भागीदारी के अवसर पर;
हमे एकजुट होकर दुनिया को प्यार और दोस्ती का संदेश देना चाहिए
हौज़ा / कर्बला में वेटिकन के प्रतिनिधि ने कहा: आज दुनिया विभाजित है और विभिन्न कष्टों से पीड़ित है। हमे एकजुट होना चाहिए ताकि हम दुनिया को दोस्ती और प्यार का संदेश दे सके।
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शरई अहकाम:
शरीयत की नज़र में ब्याज खाने का क्या हुक्म है?
हौज़ा/ ब्याज खाना चाहे लेनदेन मे हो,या क़र्ज मे हो हराम हैं, और जिस तरह ब्याज खाना हराम है इसी तरह ब्याज लेना ब्याज देना और ब्याज पर आधारित मामले का जारी करना भी हराम है बल्कि ऐसे मामले को लिखना या इस पर गवाह बनाना भी हराम हैं।
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शरई अहकाम:
किसी मुसलमान को कत्ल करने या उस पर ज़ुल्म करने का क्या हुक्म हैं?
हौज़ा/किसी मुसलमान का कत्ल करना हराम है बल्कि वह काफिर जिसकी जान की हिफाज़त मुसलमान मुल्क में वाजिब हो उसको भी कत्ल करना हराम है और यहां तक की जुल्मों सितम करना भी कत्ल ही की तरह हैं,
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शरई अहकाम:
यदि किसी के पश्चिमी देशों में प्रवास से उसके बच्चों के दीन व ईमान को खतरा हो तो क्या ऐसी सूरत में वहां हिजरत करना हराम हैं।
हौज़ा/हां,अगर इसे या इसके बच्चों के दीन व ईमान को खतरा हो तो हराम हैं।
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शरई अहकाम:
क्या पिता से मिलने वाली विरासत पर ख़ुम्स वाजिब है?
हौज़ा | अगर बेटे को मालूम हो कि बाप ने उसका ख़ुम्स नहीं निकाला है और इसी तरह उस माल पर ख़ुम्स वाजिब न हो मगर उसे मालूम हो कि पिता पर ख़ुम्स बाकी है तो उसके माल से ख़ुम्स देगा।
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शरई अहकाम:
जुमे के ग़ुस्ल का समय कब से कब तक रहता है?
हौज़ा | जुमे के ग़ुस्ल का समय सुबह से लेकर सूर्यास्त तक है, लेकिन ज़ोहर के पास करना बेहतर है, और अगर ज़ोहर के बाद किया जाता है, तो क़ज़ा करने का इरादा न रखें, और अगर जुमे को नहीं किया जाता है, तो क़ज़ा करना चाहिए। इसे शनिवार से सूर्यास्त तक क़ज़ा की नियत से किया जा सकता है।
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शरई अहकाम:
इंसान का अपने दोस्त से यह तय करना कि टेबल टेनिस में जो जीतेगा वह एक दूसरे को कोल्ड ड्रिंक पिलायेगा यह काम किस नियत के साथ हलाल हो सकता है?
हौज़ा/अगर शर्त बंदी की सूरत में ना हो तो जायज़ और हलाल हैं।
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शरई अहकाम:
क्या बच्चे के हकीक़ा का गोश्त उसके वालदैन खा सकते हैं?
हौज़ा/बाप और जो लोग उसके यहां खाना खाते हैं उनके लिए हकीक़े का गोश्त खाना मकरूह है खास तौर से एहतियाते मुस्तहाब है की बच्चे की माँ गोश्त को न खाए।
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शरई अहकाम:
क्या सदके का पैसा निकाल कर डब्बे में रखना काफी है?
हौज़ा/अगर इंसान अपने सदके को किसी डब्बे वगैरह में जमा करें तो ऐसा करने से माल इसकी मिल्कियत से खारिज नहीं होगा हां अगर कोई ऐसी संदूक हो जो आम लोगों के लिए.....
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हमास के वरिष्ठ नेता:
आयतुल्लाह सिस्तानी का रुख फिलिस्तीनी लोगों के विरोध के अधिकार का समर्थन करता है और उस पर जोर देता है
हौज़ा / फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा: आयतुल्लाह सिस्तानी का रुख फिलिस्तीनी लोगों के विरोध करने के अधिकार का समर्थन करता है और उस पर जोर देता है।
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इस्लाम में मेयार अहल होना है: मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने इमाम हसन अ०स० के फज़ायेल बयान करते हुए फरमाया: इमाम हसन अ०स० गुलिस्ताने रिसालत के पहले फूल हैं, नीज़ सुल्ह का तफसील से ज़िक्र किया!
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शरई अहकामः
कुछ वीडियो सीडी हैं जिनमें कुछ युवक बिना शर्ट के अज़ादारी रहे हैं, तो क्या महिलाओं के लिए ऐसे वीडियो देखना जायज़ है?
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मीया नजफ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने ऐसी वीडीयो जिनमे पुरूष कपड़े उतार कर अजादारी कर रहे है क्या उन वीडीयो का महिलाओ द्वारा देखने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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अज़ादारी से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर
हौज़ा | क्या मजलिसो में जोर-जोर से रोना और चेहरे पर हाथ-पैर मारना जायज़ है? क्या मस्जिदों में कपड़े उतारकर इमाम हुसैन (अ) की अजादारी करना जायज़ है? मुहर्रम और सफ़र के दौरान काले कपड़े पहनना मुस्तहब या मकरूह है?
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लंदन में लड़कियों के लिए शरई बुलूग का जश्न
हमारी बेटियाँ अहल-बैत (अ) के लिए ज़ीनत का स्रोत बनें: मुर्तज़ा कश्मीरी
हौज़ा /हुज्जतुल-इस्लाम वाल-मुसलीमीन मुर्तज़ा कश्मीरी ने इस शरई बुलूग उत्सव में बोलते हुए कहा कि हमारी लड़कियों को अपनी धार्मिक पहचान बनाए रखते हुए अहले-बैत (अ) की ज़ीनत का कारण बनना चाहिए।
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नजफ अशरफ, इमाम अली (अ) के हरम के 800 साल पुराने मेहराब का नवीनीकरण के बाद अनावरण
हौज़ा / हरम अमीरुल मोमिनीन अली बिन अबी तालिब (अ) के ऐतिहासिक मिहराब का मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद शनिवार को ग़दीर के समापन समारोह में इमाम (अ) के हरम में अनावरण किया गया।
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली सिस्तानी की नई फोटो मंज़रे आम पर
हौज़ा /ईद ए ग़दीर के मौके पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली सिस्तानी की नई तस्वीर सामने आई हैं।
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आयतुल्लाह सिस्तानी के संदेश पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने पवित्र कुरान को जलाने के अपराध के बारे में सय्यद सिस्तानी के संदेश का जवाब दिया
हौज़ा/ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि उन्हें स्टॉकहोम में पवित्र कुरान जलाए जाने के संबंध में आयतुल्लाह सिस्तानी से एक संदेश मिला है और वह जल्द ही इसका जवाब देंगे।
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अंसारुल महदी कांफ्रेंस का आयोजन
हौज़ा / अहयू अमरना ट्रस्ट की जानिब से जामेअतुर रेसालतिल इलाहिया क़िला सलेमपुर में स्कूलों और कालेजों में पढ़ने वाले नौजवानों की दीनी तालीम व तरबियत के लिए 20 रोज़ा हज़रत अब्बास अ०स० कैम्प लगा। कैम्प में सहयोग करने वालों को "ईद ग़दीर अवार्ड" से सम्मानित किया गया।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी का फ़तवाः
खुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सिस्तानी का इस्तिफ़्ता
हौज़ा / भारत मे हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी दामा ज़िल्लोह के वकील मुतलक़ हज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद अहमद अली आबिदी ने ख़ुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाह सिस्तानी के कार्यालय से इस्तिफ़्ता (सवाल) किया है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी का फ़त्वाः
कुरान पढ़ते समय दाएं या बाएं तरफ एक शब्द (सज्दा) लिखा दिखाई देता है, इसका क्या मतलब है?
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया नजफ अशरफ़ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने क़ुरान मे दाहिनी या बाई तरफ लिखे शब्द सज्दा से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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शरई अहकाम:
पति और पत्नी जो एक दूसरे के पास उपहार और अमानत ए रखी थी तलाक के बाद इसका क्या हुक्म हैं?
हौज़ा/वह उपहार जो पति-पत्नी एक दूसरे को देते हैं अगर वह बाकी बचे हो तो वापस ले सकते हैं मगर यह कि वह आपस में खूनी रिश्तेदार हो,या कुर्बतन इल्लाह उपहार हो,
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी का फ़तवाः
गैर शियाओं और काफिरों को अम्र बिल मारूफ़ और नही अज़ मुंकर करना
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया नजफ़ अशरफ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहलि उज्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी ने ग़ैर शियाऔ और काफिरो को अम्र बिल मारूफ और नही अज़ मुंकर करने से संबधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए मराजा ए एज़ाम के इजाज़े सामने आ गए
हौज़ा / हाल ही मे आई बाढ़ को देखते हुए, शिया राष्ट्र के सर्वोच्च नेता, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली खामेनेई, आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी और आयतुल्लाहिल उज्मा हाफिज बशीर हुसैन नजफी ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खुम्स; सहम-ए-इमाम के उपयोग को लेकर फतवे सामने आए हैं।