आयतुल्लाहिल उजमा सीसतानी
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शरई अहकाम:
वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों में तजवीद के क़वायद
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सीस्तानी के मुताबिक वाजिब (फर्ज़) और मुस्तहब (नफ्ल) नमाज़ों में तजवीद के नियमों का पालन करने का हुक्म।
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इज़राईल द्वारा आयतुल्लाह सिस्तानी के अपमान के खिलाफ जामेआ ए मुदर्रेसीन ने कड़ी निंदा की
हौज़ा / जामिया ए मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम ने इज़राईली सरकार के चैनल 14 द्वारा आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी कि हत्या के लक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए जाने की कड़ी निंदा की है इस कार्रवाई को मरजय ए ताक़लीद का अपमान बताया है।
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आयतुल्लाह सैय्यद हसन मुर्तज़वी की पत्नी के निधन पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली सिस्तानी का शोक संदेश
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली सिस्तानी ने आयतुल्लाह सैय्यद हसन मुर्तज़वी की पत्नी के निधन पर एक शोक संदेश जारी किया है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सिस्तानी ने ओमान में होने वाले आतंकी हमले की सख्त शब्दों में निंदा की है
हौज़ा / शिया मरजय तकलीद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने ओमान में होने वाले आतंकी हमले की सख्त शब्दों में निंदा की हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़मा सिस्तानी के प्रतिनिधि ने अपना वोट डाला
हौज़ा / आयतुल्लाहिल सिस्तानी के प्रतिनिधि ने ईरान के 14वें राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया और अपना वोट डाला।
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शरई अहकाम:
अगर मछली को पानी में बेहोश करने के बाद उसका शिकार किया जाए तो क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / अगर जिंदा शिकार किया गया है अगर चे बेहोश ही क्यों ना हो कोई हर्ज नहीं हैं।
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शरई अहकाम:
क्या उन बाजारों या कंपनियों से रोज़मर्रा की वस्तुएं खरीदना जायज़ है जो अपने मुनाफे का एक हिस्सा इज़राइल का समर्थन करने के लिए मख्सूस करते हैं?
हौज़ा / इजरायली वास्तुओं और ऐसी कंपनियों की बनी हुई चीज़ों को जो यकीनी तौर पर जो इजरायल की मदद करती हो उनके साथ मामला करना जायज़ नहीं हैं।
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अगर यह मालूम हो जाए की मरने वाले पर हज वाजिद था और यह पता ना चले कि उसने अंजाम दिया था या नहीं तो क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / ऐसी सूरत में कज़ा करना वाजिब है और इसके तमाम खर्च असल माल से लिए जाएंगें।
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शरई अहकाम:
जब किसी पर हज वाजिब हो और वह इसे अंजाम देने में सस्ती और ताखिर से काम ले यहां तक की इसकी इस्तेताअत खत्म हो जाए तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / उस सूरत में जिस तरह से भी मुमकिन हो,हज को आदा करना वाजिब हैं, चाहे मशक्कत और ज़हमत बर्दाश्त करना पड़े, अगर हज से पहले मर जाए तो वाजिब है कि उसके बाचे माल से हज कि कज़ा करें। और अगर कोई इसकी कज़ा मरने के बाद बगैर( उजरत) फ्री में इसकी तरफ से हज अंजाम दे तो भी सही हैं।
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शरई अहकाम:
दूसरे को कोई बात समझने के लिए नमाज़ का कोई ज़िक्र पढ़ना
हौज़ा / अगर नमाज़ के किसी हिस्से की अदायगी में कस्द कुर्बत ना रखें जबकी रिया की नीयत भी न रखता हो तो क्या नमाज सही है? जैसे किसी दूसरे को कोई बात समझने के लिए रुकू के ज़िक्र को ऊंची आवाज़ में पढ़े।
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शरई अहकाम:
नौबत (बारी) का ख्याल ना रखना?
हौज़ा / क्या रोटी लेने या डॉक्टर को दिखाने जैसे की लाइन में नौबत या बारी और दूसरे की नौवत का ख्याल ना रखना हराम हैं।
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गीले कपड़े से गुस्ल करना
हौज़ा / क्या गीले रुमाल (कपड़े) या स्फंज से गुस्ल किया जा सकता हैं?
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शरई अहकाम:
फोटो वाले कपड़ों में नमाज़ पढ़ना
हौज़ा / क्या ऐसे कपड़ों में नमाज़ पढ़ी जा सकती है कि जिन पर इंसान या हैवान की फोटो (तस्वीर) बनी हुई हो लेकिन वह किसी दूसरे लिबास के नीचे छुपी हुई हो?
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शरई अहकाम:
किसी मर्द का ना महरम औरत की पेंटिंग बनाने का क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / अस्ल पेंटिंग बनाने में कोई इश्काल नहीं है,लेकिन बे हिजाब औरत के फोटो की तरफ निगाह करना जिसको पहचानता हो अगर उसकी तौहीन का सबब न हो तब भी एहतियाते वाजिब की बिना पर जायज़ नहीं हैं।
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शरई अहकाम:
मुस्तहब नमाजों को बुलंद आवाज़ से पढ़े या आहिस्ता?
हौज़ा / कोई फर्क नहीं है चाहे आहिस्ता पढ़े या बुलंद आवाज़ से
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने शेख़ अब्दुल मेंहदी कर्बलाई की सेवाओं की सराहना की
हौज़ा / हरम ए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के खादिम इस्लाम हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शेख़ अब्दुल मेंहदी कर्बलाई ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से मुलाकात की।
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शरई अहकाम:
अगर पत्नी को ज़बानी झगड़े के नतीजे में बाप के घर भेज दिया जाए तो क्या उस सूरत में उसका और बच्चों का नफ्क़ा देना शौहर (पति) पर वाजिब है?
हौज़ा / उस सूरत में बीवी का नफ्क़ा वाजिब नहीं हैं, जब तक की बीवी का शौहर की नाफरमानी करना शरियत में जायज़ ना हो, लेकिन बच्चे के खर्च पिता को अदा करना होगा।
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शरई अहकाम:
इलाज का खर्च और दवा और अस्पताल का खर्च बीवी के नफ्क़ा का हिस्सा है या नहीं?
हौज़ा / डॉक्टर, दवाएँ और(चिकित्सा) इलाज के तमाम खर्च इस लाज़मी नफ़्के का हिस्सा है जो पति को अदा करना होगा
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ईरान के राष्ट्रपति की शहादत पर आयतुल्लाह सिस्तानी का शोक संदेश
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा सिस्तानी ने ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया हैं।
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दिन की हदीस:
जो मुसलमान औरत अपने हिजाब की पूरी पाबंदी नहीं करती उसकी तरफ देखने और बात करने का क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / अगर निगाहें शहवत अंग्रेज़ हो या हराम में पड़ जाने का अंदेशा(डर)हो तो जायज़ नहीं है।
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शरई अहकाम:
अगर सुन्नी मर्द शिया औरत को अपने मज़हब के मुताबिक तिलाक दे तो क्या कोई शिया उसके साथ शादी कर सकता है?
हौज़ा / अगर उसने अपने मज़हब के मुताबिक सही तिलाक दिया है तो इद्दत पूरी होने के बाद कर सकता हैं।
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शरई अहकाम:
क्या एक इमाम ए जमाअत दो मर्तबा (दो गिरोहों के लोगों) नमाज़ ए आयात के लिए इमामत कर सकता है?
हौज़ा / एहतयाते वाजिब की बिना पर नहीं कर सकता हैं।
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शरई अहकाम:
अगर किसी आदमी को यकीन हो कि उसने एक बार नज़्र मानी है लेकिन इससे याद ना रहे कि वह नज़्र क्या थी तो उसका क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / अगर नज़्र कुछ चीजों के दरमियान थी तो इसे इन सब को पूरा करना चाहिए, और अगर असीमित (लामहदूद) चीज़ों के बीच हो, तो इसे इस हद तक बजा लाना चाहिए कि इसको यकीन हो जाए की इसके जिम्मे कुछ बाकी नहीं हैं।
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शरई अहकाम:
क्या नज़्र को पूरा करना वाजिब हैं?
हौज़ा / अगर कोई आदमी नज़्र माने लेकिन उस नज़्र की मशक्कत (कठिनाई)का इल्म ना रखता हो और नज़्र मानने के बाद उसे इस काम की मशक्कत का एहसास हो तो क्या उसे नज़्र को पूरा करना वाजिब है या नहीं?
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शरई अहकाम:
अगर किसी आदमी ने अपनी मीरास की वसीयत ना की हो तो वारसीन का क्या फर्ज़ हैं?
हौज़ा / ऐसी सूरत में अगर मैय्यत पर कर्ज़ या हज हो तो इसे असली मीरास में से अदा किया जाए और बाकी मीरास उत्तराधिकारियों के बीच बांट दी जाएगी।
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अगर सरकारी बैंक से घर बनाने के लिए कर्ज़ लेकर पैसा दूसरी जगह इस्तेमाल किया हो तो उसका क्या हुक्म है?
हौज़ा / इस माल पर कहीं और खर्च की इजाज़त इस शर्त पर है की ली गई रक्म (पैसा) इन शर्तों के अनुसार हो जो इसे अदा की गई है वरना इस माल को खर्च करने की इजाज़त नहीं हैं।
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शरई अहकाम:
क्या बच्चे को गोद लेने वालों के लिए बच्चे को अपने माता-पिता के रूप में पंजीकृत करना जायज़ है?
हौज़ा / गोद लेने वालों के लिए किसी बच्चे को अपने माता-पिता के रूप में पंजीकृत करना जायज़ नही हैं।
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वह सोना जो दूल्हे के घर वाले शादी के वक्त दुल्हन को देते हैं क्या वह दुल्हन का है या दूल्हे का?
हौज़ा / अगर वह सोना है जिस औरत पहनती है तो उसका ताल्लुक औरत से है और अगर पहनने वाला ना हो,उदाहरण के लिए, सिक्के आदि, तो यह देने वाले के इरादे से संबंधित है, जो आमतौर पर जाना जाता है।
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शरई अहकाम:
मैंने एक यतीम बच्ची को गोद लेकर पाला है अब वह जवान हो चुकी है आया उस पर वाजिब है कि मुझे या मेरे बेटों से हिजाब करें?
हौज़ा / यतीम की परवरिश करना बहुत ज़्यादा सवाब हैं मगर याद रहे कि वह बच्ची आपके लिए ना महरम है इस बिना पर इस बच्ची के लिए आपसे और इसी तरह आपके बेटों से भी पर्दा करना वाजिब हैं।
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दफ्तरे नुमायंदगी आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सीस्तानी द०ज़ि० लखनऊ में मजलिसे अज़ा मुनअक़िद हुई
हौज़ा / हज़रत इमाम जाफर सादिक़ अलैहिस्सलाम के यौमे शहादत पर दफ्तरे नुमायंदगी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली सीस्तानी द०ज़ि० में मजलिसे अज़ा मुनअक़िद हुई जिसे मौलाना सैयद पयाम हैदर रिज़वी ने खेताब किया।