रविवार 12 अक्तूबर 2025 - 14:40
ख़ानदानी माहेरीन: नई पीढ़ी को नए तरबियत की आवश्यकता है

हौज़ा / आज हम एक नई पीढ़ी के सामने हैं जो किशोरावस्था में प्रवेश कर चुकी है, और उनकी परवरिश के तरीकों पर ध्यान देना समाज के भविष्य को आकार दे सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में बार-बार कहा गया है कि तकनीकी युग के युवाओं और बच्चों के साथ बातचीत के लिए परवरिश के तरीकों में बदलाव जरूरी है। लेकिन आज हम एक और नई पीढ़ी के सामने हैं, जो अब किशोरावस्था में आ चुकी है। उनकी सही परवरिश पर ध्यान देने से भविष्य के समाज की दिशा तय हो सकती है।

यह पीढ़ी तेजी से बदलती तकनीक, इंटरनेट और लगातार बदलाव के दौर में पली-बढ़ी है। सोशल मीडिया और चैटबॉट्स के जरिए ये दुनिया के अलग-अलग मुद्दों से वाकिफ हैं। इसलिए इस पीढ़ी की परवरिश के लिए एक नया, लचीला और रचनात्मक नजरिया जरूरी है।

इसी पृष्ठभूमि में परिवार और संस्कृति के विशेषज्ञों से बातचीत की गई ताकि नई पीढ़ी की परवरिश में आए बदलाव और उनकी विशेषताओं को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

माता-पिता को नई कौशल की जरूरत है

ज़ैनब रहीमी तालारपुश्ती ने कहा: नई पीढ़ी के बच्चों के माता-पिता बनने के लिए न केवल एक अलग दृष्टिकोण की जरूरत है, बल्कि नए कौशल, जानकारी और संवाद के तरीके की भी जरूरत है। जो माता-पिता अलग-अलग पीढ़ियों के बच्चों को पालते हैं, वे इस अंतर को अच्छी तरह महसूस करते हैं।

उन्होंने इमाम अली (अ) की नहजुल बलाग़ाह, हिकमत 175 का हवाला देते हुए कहा:
لا تُكرهوا أَولادَكُمْ على آدابِكُمْ فإنَّهُمْ مَخلوقونَ لِزَمانٍ غَيرِ زَمانِكُ ला तकुरेहू औलादकुम अला आदाबेकुम फ़इन्नहुम मख़लूक़ूना लेज़मानिन ग़ैरे ज़मानेका
अपने बच्चों को अपने तरीकों पर मजबूर न करो, क्योंकि वे उस जमाने के लिए बने हैं जो तुम्हारे जमाने से अलग है।

यह उपदेश इस सच्चाई को दर्शाता है कि हर पीढ़ी का समय, माहौल और जरूरतें अलग होती हैं। इसलिए परवरिश का तरीका भी बदलना जरूरी है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि नई पीढ़ी में बुद्धिमत्ता की ऊंचाई, हिम्मत, जानकारी तक व्यापक पहुंच, अपनी राय पर अड़िग रहना, बोर करने वाली चीजों से बचना और औपचारिक परंपराओं से दूरी जैसी विशेषताएं साफ दिखाई देती हैं।

रहीमी के अनुसार, माता-पिता को भी इस पीढ़ी की जरूरतों के अनुसार खुद को बदलना होगा:

  • आधुनिक जानकारी से अवगत रहना

  • मीडिया साक्षरता (सोशल मीडिया को समझने की क्षमता)

  • इस पीढ़ी की भाषा, सोच, रुचियों और मानसिक दुनिया से परिचित होना

  • नरमी के साथ प्रभावी संबंध बनाने की क्षमता

  • इस्लामी और ईरानी जीवन शैली की रक्षा करना

  • सुनने की क्षमता और आलोचनात्मक न होने का रवैया

"चैटबॉट्स" के युग में परवरिश

ज़हरा महरजवाई ने कहा कि हाल की पीढ़ियां पिछली पीढ़ियों से बिल्कुल अलग हैं। सोशल मीडिया के विस्तार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में प्रगति ने जीवन शैली को पूरी तरह बदल दिया है।

उन्होंने कहा: "इस पीढ़ी के साथ प्रभावी संपर्क के लिए जरूरी है कि हम पहले खुद उनकी स्थिति और दुनिया को समझें, उनकी जगह खुद को रखें, और उनके व्यवहार को नष्टकारी न समझें। उनकी बातचीत का तरीका या बाहरी उदासीनता कोई संकट नहीं है, बल्कि उनके जमाने की विशेषता है।"

हुज़ूर व जामिया की एक शिक्षिका ने आगे कहा: "एक अच्छी मां बनने के लिए जरूरी है कि महिला खुद को सुधारे। अगर माता-पिता में धैर्य, क्षमा और सहनशीलता जैसे गुण नहीं हैं, तो वे अपने बच्चों में ये गुण नहीं उत्पन्न कर सकते।"

उन्होंने जोर देकर कहा: "आध्यात्मिक ध्यान और अल्लाह व अहल-ए-बैत (अलैहिमुस्सलाम) से मदद मांगना बेहद जरूरी है, क्योंकि केवल आधुनिक परवरिश के तरीके इंसान को सफल नहीं बना सकते। अल्लाह की मदद के बिना इंसान अकेले सभी पहलुओं को संभाल नहीं सकता।"

नई पीढ़ी में बेटियों की परवरिश

संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय एक महिला ने कहा: बेटियों के साथ लगातार और सार्थक संबंध बनाए रखना, उन्हें आत्मविश्वास, अपने आप पर भरोसा और अपनी पहचान को स्वीकार करने का एहसास दिलाना माता-पिता, खासकर पिता के लिए एक महत्वपूर्ण परवरिशी जरूरत है।

उन्होंने याद दिलाया: "बेटियां धरती पर फरिश्तों की तरह होती हैं, चाहे वे किसी भी दशक या पीढ़ी की हों। उनकी फितरत पाकीजा होती है, इसलिए माता-पिता को इस पाकीजगी को बचाने के लिए एक अच्छा माहौल देना चाहिए। जो बेटी अपनी कद्र जानती है, वह कभी भी खुद को सामान्य या कमजोर नहीं दिखाती। आत्मविश्वासी लड़की अपने गौरव पर समझौता नहीं करती।"

सारांश

आज की पीढ़ी न केवल तकनीक में, बल्कि सोचने और महसूस करने के तरीके में भी अलग है। इसलिए माता-पिता को बीते जमाने की पारंपरिक परवरिश से आगे बढ़कर प्यार, समझ, ज्ञान और आध्यात्मिकता के मिश्रण से काम लेना होगा, ताकि वे नई पीढ़ी को आधुनिक दुनिया में भी ईमान, नैतिकता और गरिमा के साथ बढ़ा सकें।

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