सोमवार 27 अक्तूबर 2025 - 21:17
कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जवाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

हौज़ा / कर्बला अब्बास बाग़ और हुसैनाबाद ट्रस्ट की सम्पत्तियों पर जारी नाज़ायज़ कब्ज़ों और इमाम जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी पर ज़मीन माफियाओं द्वारा किये गये हमले के खिलाफ कर्बला अब्बास बाग़ ठाकुरगंज (भारत) में एक ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोगों ने भाग लिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कर्बला अब्बास बाग़ और हुसैनाबाद ट्रस्ट की सम्पत्तियों पर जारी अवैध कब्ज़ों और मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी पर ज़मीन माफियाओं के हमले के खिलाफ यह विरोध हुआ, जिसमें धर्म और जाति से ऊपर उठकर लोगों ने शामिल होकर एकता दिखाई।

प्रदर्शन में हिन्दू–मुस्लिम और शिया–सुन्नी एकता की उत्कृष्ट तस्वीर देखने को मिली और जिन लोगों ने साम्प्रदायिकता फैलाने और धार्मिक नफरत को भड़काने का प्रयास किया था, उन्हें करारा जवाब मिला।

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

सभी प्रतिभागियों ने ज़मीन माफियाओं के हमले और वक्फ़ सम्पत्तियों पर हो रही गैरकानूनी निर्माण गतिविधियों की निंदा की और मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हमले के अपराधियों की गिरफ्तारी की माँग की।

प्रदर्शन की शुरुआत क़ुरआन पाक की तिलावत से हुई जो कारी सगीर अहमद ने की।

सुन्नी आलिम मौलाना अक़्रम नदवी ने अपने भाषण में इस्लामी एकता की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि हमें स्थिति की गंभीरता को समझते हुए अपनी नेतृत्व व्यवस्था को मज़बूत करना होगा — यह समय मतभेद का नहीं बल्कि एकजुटता का है।

उन्होंने कहा कि सरकार को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी की माँगों पर विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द हमले के दोषियों को जेल भेजा जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग पहले शिया और सुन्नी के बीच फूट डालते थे वे अब कमज़ोर पड़ चुके हैं। हमें "शिया–सुन्नी" के बजाय "मोहम्मदी" कहलाना चाहिए — जैसे ईरान ने खुद को पूरी दुनिया में "मिल्लत‑ए‑मोहम्मदी" के रूप में परिचय दिया और इस्लाम‑विरोधी ताक़तों का सामना किया, उसी से हमें सीख लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम न्याय की इस लड़ाई में मौलाना के साथ हैं और उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे।

आल इण्डिया मजलिस‑ए‑इत्तेहाद‑उल‑मुस्लिमीन के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शोएब अली ने कहा कि मुसलमानों को सभी मतभेद भुलाकर एकजुट होना होगा — यही समय की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के महासचिव असदउद्दीन ओवैसी, वक्फ़‑संरक्षण आंदोलन में मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी के साथ हैं और जब भी ज़रूरत होगी वे लखनऊ आने के लिए तैयार हैं।

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि वक्फ़ हमारी अमानत है, हम उन्हें बर्बाद होता नहीं देख सकते। उन्होंने आगे कहा कि हमारी तक़दीर का फैसला कोई राजनीतिज्ञ नहीं करेगा; हमारी कौम को राजनीतिक रूप से जागरूक होना पड़ेगा ताकि जो शक्तियाँ संसद में हमारे ख़िलाफ़ क़ानून बनाती हैं, उनसे दमदारी से लड़ सकें।

मजलिस इत्तेहाद‑ए‑मुस्लिमीन के सदस्य शेख़ ताहिर अली सिद्दीकी ने कहा कि संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है कि हम अपने वक्फ़ की रक्षा करें और जो लोग इन पर ग़लत नज़र रखते हैं उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में मुसलमानों के प्रति अन्याय बढ़ा है, इसलिए हम सबको मिलकर अत्याचारों का सामना करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम वक्फ़ की रक्षा के इस आंदोलन में मौलाना के साथ खड़े हैं और जिन लोगों ने उनके ऊपर हमला किया उन्हें सख़्त धाराओं में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।

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राष्ट्रीय मतदाता पार्टी के सदस्य शेख़ सिराज बाबा ने कहा कि मौलाना कल्बे जव्वाद सिर्फ़ शिया आलिम नहीं बल्कि सुन्नियों में भी अत्यंत सम्मानित हैं। हम उनकी बेअदबी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने माँग की कि जिन लोगों ने मौलाना पर हमला किया उनकी जाँच की जाए कि वे कौन हैं और किसके इशारे पर ऐसा कर रहे थे।

उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपराधियों की गिरफ़्तारी और मौलाना की माँगों पर गंभीरता से ध्यान देने का अनुरोध किया। मौलाना सरताज हैदर ज़ैदी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट और वक्फ़ सम्पत्तियों पर चल रहे अवैध कब्ज़ों की निंदा करते हुए कहा कि यह जागने का समय है; इससे पहले कि देर हो जाए, अपनी अमानतें बचाएँ और अपने क़ायदे की आवाज़ पर लब्बैक कहें। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में भ्रष्टाचार व्याप्त है, इस पर पूरी कौम को मौलाना कल्बे जव्वाद का साथ देना चाहिए ताकि वक्फ़ की सम्पत्ति की सुरक्षा हो सके।

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भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने मौलाना पर हमला किया उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाये। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी मौलाना के साथ है और वे जब भी बुलाएँगे, हम पूरी ताक़त से साथ खड़े रहेंगे।

शिया वक्फ़ बोर्ड के सदस्य मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी ने कहा कि 13 अक्टूबर को मौलाना पर हुआ हमला अत्यंत निंदनीय है; अफ़सोस कि पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन अपराधियों को अब तक सख़्त धाराओं में गिरफ़्तार नहीं किया गया।

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

उन्होंने माँग की कि अपराधियों को तुरंत गिरफ़्तार किया जाए और कर्बला अब्बास बाग़ की भूमि पर हुए अवैध निर्माण रुकवाये जाएँ तथा वक्फ़ सम्पत्ति वापस मिलाई जाये।

उन्होंने कहा कि हमले के पीछे वही लोग हैं जो ज़मीन माफिया हैं। अगर अपराधी गिरफ़्तार नहीं किए गए तो हम जन आंदोलन शुरू करेंगे। पूर्व न्यायमूर्ति बी. डी. नकवी ने मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमें अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।

अंत में मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए एकता की अपील की और कहा — हमें ऐसा समुंदर बनना है जिसमें ज़ुल्म की हर नाव डूब जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग फ़िलिस्तीन, लेबनान और यमन के मजलूमों के लिए आवाज़ नहीं उठा सके, उनसे यह उम्मीद रखना कि वे हमारे लिए उठेंगे, व्यर्थ है।

उन्होंने कहा कि जिन्होंने वक्फ़ बिल पर चुप्पी साधी, वे वक्फ़ सम्पत्ति की तबाही पर भी घरों में बैठे रहेंगे। हुसैनाबाद ट्रस्ट लूट लिया गया, लेकिन किसी ने जिलाधिकारी के ख़िलाफ़ तक बयान नहीं दिया, आंदोलन में शामिल होना तो दूर की बात है।

मौलाना ने 13 अक्टूबर के हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण था। पुलिस सिर्फ़ हमारी वीडियो बना रही थी, अपराधियों की नहीं। उन्होंने कहा कि यदि अपराधियों को गिरफ़्तार नहीं किया गया तो हम थाना घेराव करेंगे और गिरफ्तारी देंगे। जब तक वक्फ़ सम्पत्तियाँ वापस हासिल नहीं होतीं और अवैध निर्माण नहीं रुकते, हम अपना विरोध जारी रखेंगे।

उन्होंने बताया कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कानूनी लड़ाई जारी है जिसमें सफलता के आसार मिले हैं, इंशाअल्लाह पूरी कामयाबी भी मिलेगी। मौलाना ने यह भी कहा कि ज़मीन माफियाओं ने अपने गुंडों को भेजा था जिन्होंने अभद्र भाषा में गालियाँ दीं और गाड़ी को घेर लिया। कई बातें इतनी आपत्तिजनक थीं कि उन्हें बयान तक नहीं किया जा सकता।

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

मौलाना कल्बे जव्वाद की तक़रीर के दौरान उन पर हुए हमले का छोटा वीडियो भी दिखाया गया जिसमें ज़मीन माफिया के गुंडे धार्मिक नारे लगाकर घटना को हिन्दू‑मुस्लिम रंग देने की कोशिश कर रहे थे और मौलाना व उनके साथियों के साथ बदज़ुबानी कर रहे थे। पूरी वीडियो लोगों में ग़ुस्सा न फैले, इसलिए प्रसारित नहीं की गई, पर पुलिस को पूरी रिकॉर्डिंग सौंप दी गई है।

अंत में मौलाना तफ्सीर हुसैन, मौलाना शबहात हुसैन, डॉक्टर हैदर मेहदी, आमिर साबरी, मौलाना मंज़र अली आरफ़ी, मैथम रिजवी और अन्य अनेक लोगों ने भी संबोधन किया।

कर्बला अब्बास बाग़ में मौलाना कल्बे जव्वाद पर हुए हालिया हमले के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

सभा में मौलाना रज़ा हुसैन रिजवी, मौलाना तसनीम मेहदी ज़ैदपुरी, मौलाना मोहम्मद इब्राहीम, मौलाना कमरुल हसन, मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी, मौलाना शहनवाज़ हैदर, मौलाना सरताज हैदर, मौलाना मोहम्मद मूसा, मौलाना नज़र अब्बास ज़ैदी, मौलाना हसन जाफ़र, मौलाना आदिल फ़राज़, मौलाना फिरोज़ हुसैन, मौलाना क़ुर्बान अली, मौलाना असगर मेहदी, मौलाना ग़ज़नफ़र नवाब, मौलाना ज़वार हुसैन, मौलाना रिजवान हुसैन और अन्य विद्वान कथित रूप में मौजूद रहे।

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